– जल मीनार से पानी नहीं मिलने के कारण ग्रामीणों में असंतोष
जावेद अख्तर की रिपोर्ट
हनवारा: महागामा प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों में14वें वित्त आयोग की राशि से निर्मित अधिकांश सोलर जल मीनार इन दिनों महज शोभा की वस्तु बना हुआ है। किसी न किसी तकनीकी खामियों के कारण अधिकांश जल मीनार खराब पड़े हैं। खराब जल मीनार हाथी का दांत साबित हो रहा है। प्रखंड के गढ़ी, विश्वासखनी, रामकोल, कोयला आदि पंचायत के विभिन्न गांव में जल मीनार बीते कई माह से खराब है। परिणाम स्वरूप लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीण असलम, अजमेर, इसराइल, बाबर, मुस्तर, अजय कुमार, प्रकाश कुमार, अभय कुमार समेत कई लोगों ने बताया कि पेयजल की समुचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए 14 वें वित्त आयोग की राशि से गत वर्ष ही यह जल मीनार लगाया गया था, जो बीते कई माह से खराब पड़ा है। पंचायत प्रतिनिधि, प्रशासन या संबंधित विभाग इसकी सुधि लेना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। जिस कारण लोगों को पीने के पानी के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
जल मीनार बनानेने में बरती गई अनियमितता
ग्रामीणों ने बताया कि शुद्ध पीने के पानी का एकमात्र साधन उक्त सोलर जल मीनार ही है। उसके खराब हो जाने से लोग दूर से पानी लाते हैं। लोगों का आरोप है कि जल मीनार लगाने में घोर अनियमितता बरती गई है। अनियमितता का आलम यह है कि निर्माण के साथ ही पाइप में लीकेज होना, पुराने चापानल में जल मीनार का कनेक्शन देना,नल में खराबी आ जाना और सोलर प्लेट का काम करना बंद कर देना सहित अन्य समस्याएं उत्पन्न हो गई है। यहां तक कि कई जगहों पर जल मीनार स्थल में योजना का बोर्ड तक नहीं लगाया गया है। जल मीनार के फाउंडेशन में भी मानकों की अनदेखी की गई है। निर्माण के दौरान भी कई पंचायत में ग्रामीणों ने इस पर सवाल उठाया था। लेकिन ग्रामीणों की बातों को अनदेखी कर दी गयी। लगभग पंचायत में जल मीनार के बगल में सोख्ता का निर्माण भी नहीं किया गया है। जल मीनार के ऊपर रखा पानी टंकी बिना किसी सपोर्ट का है। इसके कारण टंकी के गिरने की संभावना हमेशा रहती है। कई पंचायत के ग्रामीणों ने बताया कि मुखिया और पंचायत सचिव से कई बार इसकी शिकायत की गई, लेकिन इसकी सुधि किसी ने नहीं ली। जिससे साफ तौर पर जाहिर हो रही हैं कि कहीं न कहीं जल मीनार लगाने के नाम पर लाखों रुपए का बंदरबांट किया गया है। ग्रामीणों ने सूबे के मुख्यमंत्री के साथ साथ जिला प्रशासन से विभिन्न पंचायतों में लगाये गए सोलर जल मीनार की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।