गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
गढ़वा :सरकारी कार्यालयों की त्रुटियों को दूर किया जायेगा। इसके लिए आयुक्त ने कार्य योजना तैयार की है। आयुक्त जटाशंकर चैधरी ने प्रमंडल क्षेत्र में निरीक्षण प्रक्रिया की शुरूआत की है। आयुक्त ने खुद समय-समय पर प्रमंडल क्षेत्र के तीनों जिलों में विभिन्न कायार्लयों का निरीक्षण कर त्रुटियों को दूर करने एवं सरकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का निदेश दिया है। आयुक्त ने प्रमंडल क्षेत्र के तीनों जिले पलामू, गढ़वा एवं लातेहार के उपायुक्त को विभिन्न कायार्लयों का निरीक्षण के लिए विशेष अभियान चलाने का निदेश दिया है। आयुक्त ने अपने निरीक्षण में उत्पन्न परिस्थिति में कायार्लयों की स्थिति को देखते हुए विभिन्न पदाधिकारियों के द्वारा अपने एवं अपने अधीनस्थ कायार्लयों के निरीक्षण हेतु सितंबर एवं अक्टूबर माह तक निरीक्षण हेतु विशेष अभियान चलाने का निदेश दिया है। उन्होंने सितंबर माह के द्वितीय सप्ताह से प्रत्येक सप्ताह किसी एक पदाधिकारी द्वारा किसी एक कायार्लय का निरीक्षण किये जाने की तालिका तैयार कराकर तीनों जिले के उपायुक्त को भेजा है। इसमें निरीक्षण की तिथि, निरीक्षण करने वाले पदाधिकारी को आवंटित सप्ताह एवं आवंटित कायार्लय में किसी तिथि को तय करने की स्वतंत्रता होगी। आयुक्त ने निरीक्षण के एक सप्ताह के अंदर निरीक्षण टिप्पणी की प्रति संबंधित जिले के उपायुक्त कायार्लय के साथ-साथ आयुक्त कायार्लय को भी उपलब्ध कराने का निदेश दिया है।
आयुक्त ने कहा कि पदस्थापन के उपरांत पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन का अध्ययन करना आवश्यक है, ताकि कायार्लय कार्य में नियमानुसार आवश्यक संचिकाओं, पंजियों के संधारण में त्रुटियों को दूर किया जा सके।
समिति करेगा निरीक्षण टिप्पणी का अध्ययन
आयुक्त ने निरीक्षण के बाद प्राप्त निरीक्षण टिप्पणी के अध्ययन हेतु प्रमंडल के जिलों में उप विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन करने का निदेश दिया है। समिति का सदस्य अपर समाहर्ता, जिला लेखा पदाधिकारी एवं कोई एक अनुमंडल पदाधिकारी होंगे। समिति निरीक्षण के बाद प्राप्त निरीक्षण टिप्पणी का अध्ययन कर कारर्वाई बिन्दु तैयार करेगा। आयुक्त द्वारा इसपर निरंतर माॅनिटरिंग कर त्रुटियों का निराकरण कायार्लय द्वारा कराने, कायार्लय कार्य का सुदृढ़िकरण करने एवं दोषी पदाधिकारियों/कमर्चारियों पर कारर्वाई सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। समिति की बैठक प्रत्येक 15 दिनों में करने तथा प्रत्येक 15 दिनों पर कार्रवाई संबंधी अनुशंसा के साथ प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निदेश दिया है।
कई वर्षो से नहीं हो रही संपूर्ण निरीक्षण
आयुक्त जटाशंकर चैधरी ने कहा है कि निरीक्षण का प्रावधान होने के बावजूद पिछले कई वर्षो से कायार्लयों का निरीक्षण नहीं हो रहा है। इस कारण कायार्लय में विभिन्न पंजियों, संचिकाओं का नियमानुसार संधारण नहीं हो रहा है। वरीय पदाधिकारी द्वारा पूर्व में किये गये निरीक्षण की निरीक्षण टिप्पणी एवं उसके अनुपालन प्रतिवेदन को भी ठीक से संधारित नहीं पाया जाता है। यहां तक की संबंधित पदाधिकारियों को भी कायार्लय निरीक्षण के संबंध में पर्याप्त जानकारी नहीं होती।
निरीक्षण को लेकर पदाधिकारियों को टास्क
आयुक्त ने पदाधिकारियों को निरीक्षी पदाधिकारी बनाते हुए विभिन्न कायार्लयों के निरीक्षण हेतु टास्क सौंपा है। अंचल कार्यालय के निरीक्षण हेतु संबंधित जिले के अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, बंदोबस्त पदाधिकारी को टास्क दिया गया है। वहीं प्रखंड कायार्लयों के निरीक्षण के लिए संबंधित जिले के उप विकास आयुक्त, डीआरडीए निदेशक, अनुमंडल पदाधिकारी आदि को निरीक्षी पदाधिकारी बनाया गया है।