रांची: संविदा कर्मियों को नियमित करने, पूरानी पेंशन बहाली, जन सेवाओं के निजीकरण पर रोक लगाने और लाखों की तादाद में खाली पड़े पदों को भर बेरोजगारों को रोजगार देने आदि मांगों को लेकर आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन ने राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। यह ऐलान सोमवार को शिव मंदिर महाबीर मंदिर धर्मशाला,डोरंडा में आयोजित पत्रकार वार्ता में बोलते हुए आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव ए श्री कुमार ने किया। उन्होंने आंदोलन की घोषणा करते हुए कहा कि नवंबर महीने में देश के सभी प्रखंडों व जिलों में आम सभाएं एवं जिला सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। आंदोलन के अगले चरण में दिसंबर व जनवरी में देश के सभी जिलों एवं विभागों में कर्मचारियों से संपर्क करने के लिए सभी राज्यों में वाहन जत्थे चलाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले चरण में केन्द्रीय आम बजट से पहले सभी राज्यों में राज भवन मार्च किए जाएंगे। इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति बैठक आयोजित कर आंदोलन की समीक्षा करके आगामी आंदोलन का फैसला लिया जाएगा। पत्रकार वार्ता में राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव ए श्री कुमार के साथ झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नवीन चोधरी, महासचिव रामाधार शर्मा,जसीम अख्तर सचिव,कामेश्वर प्रसाद उपाध्याय,शिव नारायण महतो महामंत्री व जितेंद्र कुमार अवर वन सेवा संघ, उमेश कुमार पाण्डेय संयुक्त मंत्री महासंघ,अजनी कान्त झा प्रमंडलीय मंत्री, दक्षिणी छोटा नागपुर,पलटन राम महामंत्री, चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी संघ मौजूद थे। राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा व महासचिव ए श्री कुमार झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के बेनर तले आयोजित राज्य कार्यकारिणी की विस्तारित बैठक करने के उपरांत पत्रकारों से रूबरू हुए। बैठक में 19 जिलों के प्रतिनिधियों व विभागीय संगठनों के सैकड़ों की तादाद में पदाधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार एक तरफ राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन योजना के नाम पर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं जन सेवाओं को निजी हाथों में सौंप कर 6 लाख करोड़ रुपए एकत्रित करने का ऐलान कर रही है। दूसरी तरफ कारपोरेट घरानों के टेक्स व एनपीए को माफ करके कारपोरेट घरानों को लाखों करोड़ की राहत प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस व आवश्यक खाद्य पदार्थों के रेट आसमान छू रहे हैं। आम आदमी के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की उक्त नीतियों से आम जनता में पैदा हो रहे आक्रोश को बांटने के लिए जाति, धर्म व साम्प्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण किया जा रहा है। बेरोजगारी चरम सीमा पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि उक्त मुद्दों को लेकर देशव्यापी निर्णायक आंदोलन के निर्माण की आवश्यकता है।
झारखंड के कर्मचारी आंदोलन में बढ़-चढ़कर शामिल होंगे
झारखंड अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष नवीन चोधरी व महासचिव रामाधार शर्मा ने कहा कि आल इंडिया स्टेट गवर्नमेंट इंम्पलाईज फैडरेशन द्वारा धोषित आंदोलन को राज्य में पूरी तरह से लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के साथ साथ 1 नवंबर से 5 दिसंबर तक सभी जिलों में प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे और उनमें केन्द्र एवं राज्य सरकार की कर्मचारी एवं मजदूर विरोधी नीतियों को बताते हुए नयी जिला कमेटियों के सांगठनिक चुनाव भी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इसके बाद 15 जनवरी, 2022 से पहले महासंघ का राज्य सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें नयी राज्य कमेटी का निर्वाचन भी करवाया जाएगा। सम्मेलन में राज भवन मार्च की तारीख की घोषणा की जाएगी।