ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का विस्तार न हो, इसलिए सरकार ने बढ़ाये कदम
: प्रवासी श्रमिक बंधुओं को झारखंड वापस आने पर कराना होगा कोरोना टेस्ट
गुमला: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बढ़ते प्रसार के रोकथाम तथा नियंत्रण के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को 13 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इस बाबत मुख्य सचिव सुखदेव सिंह की ओर से आदेश जारी कर दिये गये हैं।
ज्ञातव्य है कि जो पाबंदियां अभी लागू हैं वे जारी रहेंगी। देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए आंशिक लॉकडाउन लागू है। ऐसी स्थिति में अन्य राज्यों में काम कर रहे झारखंड के श्रमिक वापस आयेंगे। उनके वापस आने से राज्य के ग्रामीण इलाकों में कोरोना के मामलों में ईजाफा होने के आसार हैं। कोरोना के मामलों को नियंत्रित करने हेतु राज्य सरकार द्वारा ऐसे श्रमिकों के वापस आने पर अपना कोरोना जाँच अनिवार्य रूप से कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही प्रवासी श्रमिकों के कोरोना नेगेटिव होने पर उन्हें सात दिनों तक होम क्वारंटाइन में रहना होगा। उन्हें जिला प्रशासन की ओर से सुविधाएं उपलब्ध करायी जायेंगी। श्रमिकों को घर भेजने से पहले उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया जाएगा।
सरकार ने 6 मई की तय अवधि समाप्त होने से पहले बुधवार को नई गाइडलाइन जारी करते हुए कहा है कि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण का विस्तार न हो, इसलिए सरकार ने ये कदम बढ़ाये हैं। राज्यवासियों की सुरक्षा के प्रति सरकार पूरी तरह संवेदनशील है। राज्य सरकार ने प्रवासी श्रमिक बंधुओं को अपना भरपूर सहयोग देने की अपील की है। साथ ही उन्हें झारखंड वापस लौटने पर अपनी कोरोना जांच अवश्य कराने की अपील की है।
झारखंड सरकार के आपदा प्रबंधन विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब देश के दूसरे प्रदेशों से झारखंड आने वाले सभी लोगों का कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। इसके अलावा उन्हें सात दिनों तक एकांतवास (क्वारंटाइन) में रहना होगा।