सरकारी स्कूलों में छात्रों की घटती संख्या पर उठाए सवाल
रांची: झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा है कि सूबे के 4896 स्कूलों में 30 से भी कम छात्र होना शिक्षा व्यवस्था के प्रति राज्य सरकार की उदासीनता का परिचायक है।
श्री राय ने इससे संबंधित मीडिया में आई रिपोर्ट पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इससे शिक्षा में सुधार के सरकारी दावों की पोल खुल गई है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरी तरह राज्य सरकार जिम्मेदार है। जब से हेमंत सोरेन की सरकार बनी है, तब से शिक्षा व्यवस्था के प्रति उदासीनता बरती जा रही है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा को कभी प्राथमिकता दिया ही नहीं। राज्य की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की दिशा में कोई कारगर कदम नहीं उठाया गया। नतीजतन शिक्षा के क्षेत्र में राज्य फिसड्डी रहा।
उन्होंने कहा कि 4896 स्कूलों में 30 से कम छात्रों का रहना सरकार की शिक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि हेमंत सोरेन सरकार शिक्षा के प्रति कितनी गंभीर है?
श्री राय ने कहा कि राज्य में सरकारी स्कूलों की ऐसी स्थिति होती जा रही है, जहां एक छोटा किसान या गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोग भी अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में भेजना नहीं चाहते हैं। वहां मिड डे मील के अलावा न कहीं पढ़ाई की समुचित व्यवस्था है और न ही कोई इस पर ध्यान देने वाला है। इन परिस्थितियों में अभिभावक अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में भेजने के लिए विवश हैं। अभिभावकों की इस विवशता का नाजायज फायदा प्राइवेट स्कूल प्रबंधन उठा रहे हैं।