रांची: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा के राज्य कमिटी सदस्य मोहन मंडल ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार लगातार आश्वासन देकर ठगने का काम करते आ रही है, लेकिन इस बार हम लोग आश्वासन से रुकने वाले नहीं हैं ।15 अगस्त तक सरकार अगर 65000 पारा टीचर को स्थायीकरण करते हुए वेतनमान नहीं देती है तो आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे जिसकी सारे जवाबदेही झारखंड सरकार की होगी।
एक बार पुन: शिक्षा मंत्री का प्रभार मिलने पर जगन्नाथ महतो को मोर्चा एवं 65000 पारा टीचर के तरफ से बधाई। मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से आग्रह करते हैं कि 65000 हजार पारा शिक्षक को स्थाई करण और वेतनमान देते हुए 15 अगस्त को घोषणा करें नहीं तो हम लोग आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
मोहन मंडल ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य के पारा शिक्षक शौकिया तौर पर आंदोलन नहीं करते हैं बल्कि सरकार जब आंदोलन करने के पश्चात संगठन से वार्ता कर मांगों की पूर्ति का समझौता करती है और वो मांग पूरा नहीं करती है तब मजबूरी में आंदोलन करना पड़ता है।
राज्य कमेटी द्वारा आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने के लिए झारखंड के सभी प्रखंड एवं जिलों में बैठक कर रणनीति तैयार करने के लिए कहा गया है। जिसके तहत शेड्यूल निम्न है:
1.प्रखंड की बैठक – 25 जुलाई
2.जिला की बैठक – 01 अगस्त
3. सत्ताधारी विधायक से मिलकर अपनी भावना से अवगत कराते हुए मुख्यमंत्री के नाम पर मांगपत्र सौंपेंगे – 03 अगस्त
4.जिला की बैठक के उपरांत लिखित प्रस्ताव राज्य कमिटी को अवगत कराएंगे – 05 अगस्त
15 अगस्त तक राज्य सरकार घोषणा नही करती है तो 15 अगस्त के बाद राज्य में बैठक कराके आंदोलन की घोषणा किया जाएगा जो तब तक चलता रहेगा जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं हो जाती है इस बार आर पार की लड़ाई होगी चाहे हम लोगों की नौकरी रहे या चले जाए लेकिन स्थायीकरण और वेतनमान से कम हम लोग मानने वाले नहीं है।
राज्य कमेटी सदस्य मोहन मंडल ने यह भी कहा कि हेमंत सरकार की 18 माह बीत गया लेकिन पारा शिक्षक की समस्या जस का तस रह गया, जबकि हेमंत सोरेन तथा इनके सहयोगी दल ने चुनाव पूर्व हर मंच से कहे थे हमारी सरकार बनती है तो 3 माह के अंदर पारा टीचर का स्थायीकरण और वेतनमान दिया जाएगा ।
लेकिन मैं मीडिया के माध्यम से बताना चाहता हूं कि 3000 पारा शिक्षक ऐसे है जिनको एनसी और अप्रशिक्षित के नाम पर पिछले 26 माह से मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है तथा टेट विसंगति का वद्धित मानदेय का भुगतान नहीं किया गया। इस सरकार द्वारा यह भी कहा गया था की पूर्व सरकार द्वारा पारा शिक्षक पर जो केस दर्ज किया गया था उसको वापसी किया जाएगा पर इस पर भी कोई पहल नहीं हुआ इसलिए मोर्चा सरकार से अपील करती है पारा शिक्षक का मुख्य मांग वेतनमान और स्थायीकरण करते हुए सारी समस्याओं का निराकरण जल्द से जल्द करें।