बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: आज झारखण्ड अभिभावक संघ की वर्चुअल बैठक अध्यक्ष अजय राय की अध्यक्षता में हुई जिसमे प्रदेश पदाधिकारी और विभिन्न जिला के अध्यक्ष/महासचिव शामिल हुए। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने एक स्वर से इस बात को रखा की बंद स्कूलों द्वारा अभिभावको से लगातार सभी प्रकार की फीस की मांग की जा रही है और फीस ना देने पर बच्चों की ऑन लाइन क्लास बाधित की जा रही है । ऐसे भी इस ऑनलाइन पढ़ाई के चक्कर मे बच्चे मोबाइल पर गेम खेल रहे है।यू ट्यूब पर फालतू के वीडियोज देख रहे है। मोबाइल नही देने पर खाना पीना छोड़ रहे है। उनकी आखो की रोशनी और मस्तिष्क पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है बावजूद मज़बूरी में अभिभावक न चाहते हुए भी ये सब उपलब्ध करा रहे है। बैठक में आन्दोलन चलाने को लेकर यह निर्णय लिया गया की राज्य सरकार की ओर से जारी आदेश की प्रति प्रत्येक जिला मुख्यालय में डिस्प्ले की जाएगी। सरकार ,सीबीएसई ,आईसीएसई ,राज्य बोर्ड की ओर से जारी आदेश की प्रति दी जाएगी। सभी जिलों में शोसल मिडिया व विभिन्न संचार माध्यम से अभिभावकों को गोलबंद कर आंदोलन को गति दी जाएगी। कोरोना व लॉकडाउन को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से प्ले कार्ड व अन्य माध्यम से वर्चुवल धरना दिया जायेगा जिसका जिसका सीधा प्रसारण फेसबुक, व अन्य माध्यम से होगा ।
आन्दोलन की शुरुआत 26 मई 2021 से राज्य स्तर पर शुरु की जाएगी
•26 मई 2021 को प्ले कार्ड के माध्यम से वर्चुअल धरना •28 मई काला बिल्ला लगाकर फेसबुक के माध्यम से सीधा लाइव
•30 मई टवीटर के माध्यम से राज्य सरकार का ध्यान आक्रिस्ट कराना
इस अवसर पर अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि पिछले 14 महीने से निजी स्कूलों से कोई सुविधा अभिभावकों द्वारा नही ली गई है जैसे साइंस लैब, कम्प्यूटर,सब-क्लास,स्मार्ट क्लास, क्लास रूम स्टडी, लेब, ग्राउंड, बिजली,पानी ,मैगजीन, लाइब्रेरी ,आदि स्कूलों द्वारा बच्चों को बिना अनुमति के ऑन-लाइन क्लास दी गई है वो भी आधी अधूरी तैयारी के साथ । जैसा कि आप सभी जानते है ऑन-लाइन क्लास डिस्टेंस लर्निंग एजुकेशन जैसी होती है जिसका खर्च बहुत ही कम होता है बावजूद ऑन-लाइन क्लास के माध्यम से अभिभावकों को लगातार फीस जमा करने का दबाव बनाया जा रहा है और राज्य सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा 25 जून 2020 के जारी उस आदेश की भी धज्जिया उड़ाई जा रही है जिस आदेश में साफ तौर पे कहा गया है की स्कूल कोरोना काल में सिर्फ ट्युसन फ़ीस के अलावा कोई दूसरा फ़ीस नहीं लेगा।
राय ने कहा कि कोरोना की महामारी के कारण पिछले साल से लगातार लॉक डाउन और उद्योग धंधे बंद हो जाने के कारण अभिभावक़ गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहे है। आज उनके हालात काफी बद से बदतर हो गए है । उन्होंने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लगभग 70%से 80%तक लोग पूरी तरह बेरोजगार हो गए है । झारखंड प्रदेश में 21 मार्च के पूर्व से स्कूल बंद हुए आज लगभग 14 महीने से भी ज्यादा हो गए है ऐसे हालात में भी अभिभावक बच्चों के भविष्य को देखते हुए मन्थली फ़ीस जैसे तैसे जमा करते आ रहे है इस बात को स्कूल प्रबंधन को भी सोचना चाहिए मगर वो संवेदनशील होने के बजाय आज हर तरह का शुल्क वसूलने में कही कोई कसर छोड़ नहीं रहे है। प्रांतीय प्रवक्ता कवलजीत सिंह ने कहा कि सरकार को इस मुद्दे पर संवेदनशील होना चाहिए और माननीय मुख्यमंत्री को इस मुद्दे पर सीधा हस्तक्षेप करना चाहिए और अपने राज्य की जनता के साथ न्याय करना चाहिए ,क्योंकि अभिभावकों की स्थिति इस समय काफी दयनीय है | आज की बैठक में , कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय (धनबाद) ,महेन्द राय, (बोकारो) संजय सर्राफ(राँची) ,कवलजीत सिंह लोहरदगा) डॉ पुस्पा श्रीवास्तव ( जमशेदपुर) धीरज आनन्द ( देवघर ) दीपक शर्मा( गिरिडीह ) अभय पांडेय राजेश कुमार आलोक गैरा ( रांची ) अजय कुमार पंकज लोहरदगा,रेवतीनन्दन चौधरी, दुमका ,रविशंकर राय, रामगढ़ ,संजीव दत्ता,रांची ,मनोज सिंह पलामू,विद्याकर कुंवर राजेश साहू तलत प्रवीण रांची, तिलकामांझी सिमडेगा, सहित अन्य शामिल हुए।