– विश्वविद्यालय द्वारा विषयों में उलटफेर से परीक्षा फॉर्म भरने में हो रही परेशानी
जावेद अख्तर की रिपोर्ट
हनवारा:सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के अधीन मिल्लत महाविद्यालय, परसा के छात्र एवं छात्राओं के साथ विश्वविद्यालय लगातार सौतेला व्यवहार करने से बाज नहीं आ रहा है। विश्वविद्यालय के इस तरह के रवैया से महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। मालूम हो कि मिल्लत महाविद्यालय परसा के यूजी सेमेस्टर 1 के विद्यार्थियों का परीक्षा फॉर्म भरा जा रहा है।
जिसमें विश्वविद्यालय के द्वारा विद्यार्थियों द्वारा चयनित विषयों को उलटफेर कर दिया गया है। जिससे परसा महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी परेशान हो रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार, मिल्लत कॉलेज, परसा के सेमेस्टर 1 के लगभग 85 फीसदी विद्यार्थियों के विषयों को उलटफेर कर दिया गया है। विद्यार्थियों द्वारा नामांकन के समय जिन विषयों का चयन किया गया था, उस विषयों को बदल दिया गया है। यूजी सेमेस्टर 1 का नामांकन चांसलर पोर्टल से किया गया है और रजिस्ट्रेशन भी चांसलर पोर्टल से ही किया गया है। विश्वविद्यालय ने अपने साइट से फॉर्म भरने के लिए 26 जून से 6 जुलाई तक तारीख का भी आदेश जारी कर दिया है। विषय गृह विज्ञान छात्राओं के लिए ही अनिवार्य है, लेकिन इस कॉलेज के छात्रों को भी गृह विज्ञान का परीक्षा देना पड़ सकता है। क्योंकि विश्वविद्यालय प्रबंधन ने अब छात्र को भी गृह विज्ञान में शामिल कर लिया है।
अब सवाल यह उठता है कि जो विषय छात्राओं के लिए है, तो छात्र परीक्षा में उस विषय में क्या लिखेंगे।यह बहुत बड़ा सवाल है।आखिर इस गड़बड़ी का जिम्मेदार कौन होगा। अगर ऐसा था तो विश्वविद्यालय को चांसलर पोर्टल से ही परीक्षा फॉर्म भरने के लिए आमादा रखने पर क्या परेशानी थी।अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या विश्वविद्यालय परीक्षा फॉर्म भरने में अंतिम तिथि 6 जुलाई से पहले सुधार करेंगे अथवा नहीं यह देखना दिलचस्प होगा।
क्या कहते हैं प्राचार्य:
वही इस संबंध में मिल्लत महाविद्यालय परसा के प्राचार्य डॉ तुषार कांत ने कहा कि सेमेस्टर 1 के विद्यार्थियों के विषय में उलट फेर हुआ है। करीब 85 फीसदी विद्यार्थियों के विषयों में गड़बड़ी हुई है। विद्यार्थियों द्वारा लिखित शिकायत भी की गई है। हम लोगों ने भी महाविद्यालय में आयोजित इंटरनल परीक्षा के आधार पर विषयों की सूची पूर्व में भी विश्वविद्यालय को सौंप दिया था लेकिन फिर भी गड़बड़ी हुई है। चांसलर पोर्टल से विश्वविद्यालय के साइट पर विषयों को डालने में ही गड़बड़ी हुई होगी। मैंने भी लिखित रूप से इसकी शिकायत विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार को दी है। उम्मीद है जल्द ही सुधार कर लिया जाएगा।