पाकुड़िया: पाकुड़िया समेत प्रखंड के विभिन्न गांव में रविवार को सुहागिन महिलाओं ने पति की लंबी आयु और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए करवा चौथ का व्रत की है | हिंदू धर्म में इसका काफी महत्व है। इस दिन सुहागिन महिलाएं 16 श्रृंगार करती हैं। इस साल करवा चौथ 24 अक्टूगर को हुआ। इस दिन बेहद शुभ योग बन रहा है। करवा चौथ के दिन इस बार रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा का पूजन होगा यह संयोग पूरे 5 साल बाद बन रहा है।आचार्य ललन कुमार पांडे ने बताया करवा चौथ के पूजन के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए। इससे व्रत का पूर्ण फल प्राप्त होगा। करवा चौथ के व्रत में भगवान शंकर, माता पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्र देव की पूजा-अर्चना होती है। इस दिन एक तांबे या मिट्टी के बरतन में चावल, उड़द की दाल भरकर सिंदूर, चूड़ी, शीशा व अन्य सुहाग का सामान किसी बुजुर्ग सुहागिन महिला या अपनी सास को देने से पुण्य एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के बुजुर्गों का आशीर्वाद लेना चाहिए।चांद दिखने के बाद प्रखंड के अलग अलग हिस्सों में महिलाओं ने करवा चौथ के व्रत का समापन कर दिया है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद महिलाओं ने पति का चेहरा छलनी में देखा और पूजन के साथ व्रत संपन्न किया।