पतरातु: पतरातू प्रखंड के विभिन्न क्षेत्र में सुहागिनों के द्वारा परंपरागत तरीके से वट सावित्री पूजा की गई.। सुहागिनों के द्वारा अपने पति की लंबी उम्र की कामना की गई. ।पतरातू प्रखंड के रेलवे स्टीम कॉलोनी , सरैया टोला , सोंदा बगीचा , रसदा ,लबगा, जगद, बालकुदरा , पी टी पी एस, जिंदल, साकुल, कोतो के अलावे विभिन्न गांवों में वट( बरगद) वृक्षों के नीचे सामुहिक रूप से सुहागिनों के द्वारा पूरे विधि- विधान से पूजा की गई.। पंडित मुकेश पंडित के द्वारा वट पूजा की कथा से सुहागिनों को अवगत कराया गया। इन्होंने बताया कि वट वृक्ष की पूजा करने से महिलाएं आजीवन सुहागिन रहती है. । सुहागिनों ने पूजनोत्सव के दौरान वट वृक्ष में रक्षा सूत्र बांधकर वृक्ष की परिक्रमा करती हैं साथ हीं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागिन रहने की कामना करती है। इधर पूजनोत्सव को लेकर नव विवाहितों में खासे उत्साह था। पूरे उत्साह के साथ नव विवाहितों ने पति की दीर्घायु को लेकर वट वृक्ष की पूजा की. सुहागिनों में सुनीता देवी ने कहा कि आज के दिन महिलाओं के सुहाग के लिए खास दिन है। आज के हीं दिन सति सावित्री ने अपने पति सत्यवान का प्राण यमराज से अपनी पतिव्रता धर्म के कारण लेकर घर आई थी। तभी से वट सावित्री पूजा करने का प्रावधान है आज के दिन सभी सुहागिनों को वट वृक्ष की पूजा करनी चाहिए, ताकि वे आजीवन सुहागन रह सकें.।