रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर: बंदगाँव प्रखंड लाण्डुपदा पंचायत मातकबेडा गाँव के 61वर्षीय मोटू बोदरा आठ महिने से घर मे बिमार पडा था । चल फिर नही सकता है , जो खाता था उल्टी हो जाता था । करोना महामारी के डर से कोई मोटू बोदरा को अस्पताल तक नही ले गया । घर मे पत्नी और आठ बर्ष की बेटी है तथा बेटा दिकू बोदरा मजदूरी करने बाहर चल गया था । जो कुछ दिन हुआ लौटकर गाँव आया है । इस बात की जानकारी सदानन्द होता को समाजसेवी तीरथ जामुदा ने फोन से दी । सदानन्द होता तीरथ जामुदा को लेकर मातकमबेडा गाँव पहुंचे तथा बिमार मोटू बोदरा के देखने के पश्चात 108 एम्बुलेंस से उसको अनुमडंल अस्पताल चक्रधरपुर ले जाकर भर्ती कराया । डाक्टर सुप्रिता ने मोटू को देखने के पश्चात खून का जाँच करने के लिए कहा तथा सिलाईन चढाने एवं उल्टी बंद करने के लिए इंजक्शन भी दिया । सदानन्द होता ने मोटू बोदरा सुबह दुध पांव रोटी दोपहर एवं रात का भोजन का व्यवस्था भी करा दिया है । तीरथ जामुदा ने कहा दिन हो या रात जब भी कोई फोन से सूचना मिलने पर सुमिता होता फाउण्डेशन के अध्यक्ष सदानन्द होता गाँव पहुंच कर मरीज को लेकर तत्काल अस्पताल पहुंचाते है । हमारे क्षेत्र के कई बिमार मरीजों का लाकर इलाज कराया है और व सारे मरीज स्वस्थ होकर अपने अपने घर गयें है । अस्पताल मे मरीज के मदद के लिए पंकज पाण्डेय भी मौजूद थें