खूंटी: खूंटी, चाईबासा जिला बल और झारखंड जगुवार के संयुक्त ऑपेरशन में एक बार फिर प्रतिबंधित संगठन पीएलएफआई का सुप्रीमो दिनेश गोप और उसका हार्डकोर दस्ता बच निकला।
खूंटी एसपी आशुतोष शेखर ने प्रेस ब्रीफ में बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर नक्सलियों के खिलाफ रनियां थाना क्षेत्र और चाईबासा जिला के गुदड़ी थाना के सीमावर्ती इलाकों में जॉइंट ऑपेरशन चलाया जा रहा था। इसी क्रम में आज सुबह सात-आठ बजे नक्सलियों के खिलाफ चलाये गए संयुक्त ऑपेरशन में खूंटी जिला बल, चाईबासा जिला बल और झारखंड जगुवार की टीम एएसपी अभियान और तोरपा एसडीपीओ के नेतृत्व में नक्सलियों और पुलिस के बीच मुठभेड़ चली। पुलिस जैसे ही नक्सलियों के संदिग्ध इलाकों में पहुंची नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की संयुक्त टीम ने भी फायरिंग शुरू कर दी लेकिन पुलिस को भारी पड़ता देख पीएलएफआई उग्रवादी भाग निकले। मुठभेड़ में पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप भी जंगल और झाड़ियों का फायदा उठाकर बच निकला।
संयुक्त ऑपेरशन के बाद टेमना, तुमरूम और भुड़ गांव के आसपास पुलिस ने सर्च अभियान चलाया। सर्च अभियान में पुलिस ने एक लोडेड कार्बाइन, एक मैगजीन, 55 राउंड गोलियां, 29 मोबाइल, 11 चार्जर, 10 पिठ्ठू बैग, पीएलएफआई का पर्चा, रशीद, साहित्य और दैनिक उपयोगी सामग्रियां बरामद की गई।
बता दें कि इसके पूर्व भी नक्सलियों के साथ चल रहे मुठभेड़ में पीएलएफआई सुप्रीमो बाल बाल बच कर भाग निकला। 17 दिसंबर 2020 को हुई मुठभेड़ में, 16 जुलाई 2021 को जब उग्रवादी शनिचर सुरिन मारा गया था और 27 जून को जतरमा में भारी संख्या में नक्सलियों के हथियार-गोल-बारूद बरामद हुए थे। साथ ही सितंबर माह में हुए मुठभेड़ में पीएलएफआई सुप्रीमो समेत कई कुख्यात नक्सली पुलिस की गोलियों से बच निकले।