विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा : ठाकुर गंगटी प्रखंड के मिश्र गंगटी पंचायत अंतर्गत आदिवासी बहुल रंगीला गांव के लाभुकों की शिकायत पर प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी विकास रोबोट सोरेन ने गांव पहुंचकर राशन कार्ड धारियों से पूछताछ किया । मालूम हो कि जन वितरण प्रणाली के डीलर अजीत झा पर रंगीला गांव के लगभग दो दर्जन कार्ड धारियों ने आरोप लगाया था की मई, जून, जुलाई माह में एक-एक बार राशन दिया गया, लेकिन कार्ड पर दो-दो बार चढ़ा दिया गया है। लेकिन बीते तीन माह से एक बार ही राशन दिया जा रहा है। जबकि डीलर के द्वारा आपूर्ति गोदाम से प्रत्येक माह दो बार खाद्यान्न का उठाव किया गया है। बावजूद इसके कार्ड धारियों को वितरण नहीं किया गया।
मामले की जांच करने पहुंचे आपूर्ति पदाधिकारी ने कई राशन कार्ड धारियों से पूछताछ कर डीलर से संबंधित जानकारी हासिल की। साथ ही उन्होंने डीलर का वितरण पंजी एवं राशन कार्ड पर चढ़ाए गए खाद्यान्न का मिलान किया। अब तक की जांच में प्रथम दृष्टया डीलर की अनियमितता प्रतीत हो रही है। अब देखना दिलचस्प होगा कि गरीब राशन कार्डधारियों का हकमारी कर खाद्यान्न का कालाबाजारी करने वाले डीलर पर कार्रवाई होती है या सिर्फ कागजी खानापूर्ति कर मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। हालांकि ठाकुरगंगटी प्रखंड में ऐसा भी चर्चा है कि किसी भी डीलर पर कोई भी अनियमितता की शिकायत का आरोप लगता है तो इसकी जांच करने आपूर्ति पदाधिकारी के साथ प्रखंड के ही चिन्हित दो या तीन डीलर जांच के वक्त साथ में रहते हैं। आखिर जांच के दौरान अन्य डीलर की क्या आवश्यकता रहती है? या फिर वरीय अधिकारी का कोई ऐसा लिखित निर्देश है कि साथ में अन्य डीलर को रखकर ही जांच करना है?