गुमला। सरना समिति के जिलाध्यक्ष व पूर्व जिला परिषद सदस्य हांदू भगत ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कर कहा है कि कई अनियमितताओं और आरोपों से घिरे गुमला नगर परिषद अब एक और नया कारनामा कर रहा है। यह नया कारनामा है जसपुर रोड और डीएसपी रोड के कोने से निकलकर सीधे गोकुल नगर के पीछे से जाने वाले नहर को सड़क में तब्दील करने का है। यानी जनता के रुपए का जन अनुपयोगी कार्यों मे ख़र्च करना। वस्तुतः यह नहर 1932 के नक्शा में दर्ज है और नहर का अस्तित्व आज भी मौजूद है. डीएसपी रोड के खटाल के पीछे से नालियों का गंदा पानी का निकास इसी नहर से होता है. भविष्य में यदि शिभरेज सिस्टम लागू किया जाएगा तो यह प्रमुख मार्ग शिभरेज का होगा। लेकिन अब इस नहर के किनारे की जमीन धड़ल्ले से बिकने लगी है. मकान और आवासीय परिसर बनने लगे हैं. लेकिन इस मोहल्लों के घरों और आवासीय परिसरों तक जाने के लिए भू-माफियाओं ने सड़क तक नहीं छोड़ा है. लिहाजा आने जाने के लिए लोगों को एकमात्र रास्ता नहर ही रह गया है. क्योंकि अभी नहर कच्चा है इसलिए कोई दिक्कत नहीं हो रही है। लेकिन अब बरसात आने वाली है। इसलिए उस नहर से होकर गुजरना मुश्किल हो जाएगा। इसलिए उस नहर का पक्कीकरण कराने के लिए कुछ लोगों ने अपनी पहुंच का नाजायज लाभ उठाते हुए नगर परिषद के कार्यालय से मिली भगत किया। उन्हें सफलता भी मिली क्योंकि ऊंची पैरवी ने रंग दिखाया है और उस नहर को अब नगर परिषद ने सड़क बनाने का निर्णय लेकर काम आरंभ कराना आरंभ कर दिया है. श्री भगत ने कहा कि इस तरह नगर परिषद ने जनता के रूपये से जनता के लिए आफत की योजना का चयन किया है। इसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। आसपास के लोगों को इस नहर के सड़क में तब्दील हो जाने से उन्हें आवागमन के लिए काफी सुविधा हो जाएगी. इसलिए किसी ने भी इस पर कोई सवाल नहीं उठाया. योजना पास करने से पहले नगर परिषद के अभियंताओं ने भी या तो निरीक्षण किया ही नहीं या फिर वे पैसे के बल पर सच्चाई को छुपा कर अपनी रिपोर्ट और प्राक्कलन सुपुर्द कर दी. लेकिन यह बात शायद किसी को नहीं मालूम कि जब बरसात का पानी जो उस नहर से होकर आएगा तो वह जाएगा कहां . क्योंकि नहर के दोनों तरफ मकान बना दिए गए हैं.
आजकल गुमला के चारों ओर आवासीय मकानों की तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. घर व मोहल्लों से निकलने वाला नलियों का पानी नहर के सड़क बन जाने से कहां जाएगा. इस प्रश्न का किसी के पास उत्तर नहीं है. लेकिन बरसात के दिनों में वही लोग जिला प्रशासन और नगर परिषद को पानी पी पीकर जरूर कोषेंगे जब नहर के पानी का जल जमाव कई परेशानियों को महामारी को भी जन्म देने लगेगा.
इसका प्रत्यक्ष उदाहरण डीएसपी रोड के जवाहर नगर जाने वाली गली के समीप तक होने वाला जलजमाव है. जहां लाखों खर्च करने के बावजूद बरसात के दिनों में सरस्वती शिशु मंदिर से लेकर जवाहर नगर मोड़ तक नालियों के गंदे पानी का जमाव लोगों के लिए बरसात भर परेशानी का सबब बना रहता है. पहले वहां भी किसी ने ध्यान नहीं दिया. और वहां के जल निकासी वाले नाली में लोगों ने अतिक्रमण कर के मकान बना लिए. खतियान में वहां के नाली का नक्शा भी मौजूद है. लेकिन वाह रे हमारे शहर के जनप्रतिनिधि , अधिकारी और नागरिक डीएसपी रोड के जलजमाव का थोड़ा सा भी सबक नहीं लिया और एक बड़ी गलती को दुहराया जा रहा है। श्री भगत ने कहा इस त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को विवश हो जाएंगे।