इजाल से लेकर टीकाकरण का कार्य करतीद है एएनएम, नियमीत नही खुलता केंद, जनप्रतिनिधि और अधिकारी मामले से बने हुए हैं अनजान
आनंद कुमार शर्मा
इटखोरी(चतरा)। भले ही बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के सरकार लाख दावे करती है और करोड़ों रुपए जट की स्वीकृत देती है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इसका कितना लाभ मिलता है, इस हकीकत को बयां करती है चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड अंतर्गत पितीज पंचायत मुख्यालय स्थित उप स्वास्थ्य केन्द्र की सवस्थ्य सेवाएं। करीब दस हजार आबादी के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी उक्त केंद्र में पदस्थापित एक मात्र एएनएम के भरोसे है। ताजूब की बात यह है कि एक एएनएम के अलावे किसी भी कर्मी की पोस्टिंग नही है, ऐसे में स्वास्थ्य जांच करने से लेकर टीकाकरण व सर्वे तक का कार्य एएनएम को करना पड़ता है, जिसके कारण केंद्र कभी भी समय व नियमीत नही खुलता है। परिणामस्वरुप संपन लोग तो बाहर जाकर इलाज करवा लेते हैं, लेकिल गरीब स्थानीय झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाने को मजबूर हैं। इसके बाबजूद स्थानिय प्रतिनिधियों द्वारा स्वास्थ्य सेवा आम लोगों हेतु सुलभ कराने के लिए कभी भी पहल नही की गई। इस संबंध में एएनएम संगीत कुमारी ने बताया कि टीकाकरण में ही अधिकतर समय बीत जाता है। वहीं वार्ड सदस्य हुलास रविदास, विजय दांगी समेत अन्य ग्रामीणों ने बताया कि केंद्र का लाभ क्षेत्र के लोगों को नही मिल पा रहा है, सभी ने चिकित्सा सुविधाओं के साथ-साथ गर्भवती की जांच व प्रसव सुविधा, टीकाकरण एवं सामान्य रोगों के इलाज की व्यवस्था उपलब्ध कराने की मांग जिले के मंत्री व उपायुक्त से की है।