गुमला : गुमला सरना समिति गुमला जिला के अध्यक्ष और पूर्व जिला परिषद के सदस्य हंदू भगत ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा 11 मई को आयोजित उच्चस्तरीय वर्चुअल बैठक में गुमला जिला के सत्तारूढ़ दल के तीनों विधायक अनुपस्थित रहने के मामले को इंगित करते हुए कहा है कि कोरोना काल में जनता के प्रति विधायक सांसद कितने लापरवाह है।यह झलक रही है। श्री भगत ने कहा है कि मांडर के विधायक बंधु तिर्की के द्वारा अपने प्रखंड क्षेत्र में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन गुमला जिले के तीनों विधानसभा क्षेत्र के विधायक अपने 12 प्रखंडों के क्षेत्र की जनता को सिर्फ प्रशासन के भरोसे छोड़ दिए हैं ।ऐसे में गुमला जिला के तीनों विधायकों को मांडर के विधायक से सीख लेने की जरूरत है ।जिससे की आम जन का भला हो सके। श्री भगत ने कहा है कि गुमला जिले कोरोना संक्रमित मृतक व्यक्तियों को गांव वाले अपने कब्रिस्तान में जगह नहीं दे रहे हैं आखिर इन गांव के लोगों को कौन समझाए स्थानीय जनप्रतिनिधि सांसद विधायकों के मार्गदर्शन की जरूरत है ।लेकिन वह इन मामलों पर चुप्पी साधे हुए हैं और अपने घरों में अपनी सुरक्षा के लिए दुबके हुए हैं श्री भगत ने कहा है कि स्थानीय सांसद सुदर्शन भगत कोरोना के दरमियान कभी भी फील्ड में नजर नहीं आ रहे हैं सिर्फ मीडिया में बयान देकर अपना उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं जो की जनता के साथ घोर अन्याय है यही स्थिति हमारे प्रभारी मंत्री रामेश्वर उरांव की भी है उनके द्वारा केंद्र सरकार से झारखंड में ऑक्सीजन की मांग की जा रही है जबकि झारखंड राज्य से दूसरे राज्यों में फ्री में ऑक्सीजन सिलेंडर नाम कमाने के लिए राज्य के मुखिया के द्वारा भेजा जा रहा है जबकि झारखंड में ऑक्सीजन की आवश्यकता के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है ।इस पर ध्यान नहीं करके राज्य के मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री के द्वारा जनता के साथ खिलवाड़ की जा रही है । श्री भगत ने गुमला जिला के प्रभारी मंत्री रामेश्वर उरांव के द्वारा गुमला के हालातों पर ध्यान नहीं देने का आरोप लगाते हुए कहा है कि गुमला से ज्यादा वे अपने विधानसभा क्षेत्र पर ध्यान दे रहे हैं। जबकि रामेश्वर उरांव गुमला जिला के प्रभारी मंत्री बनाए गए हैं। प्रभारी मंत्री बनने के बाद श्री रामेश्वर उरांव का गुमला जिला एक बार दौरा हुआ है इस दौरा का में भी सिर्फ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ थोड़ी देर की बैठक चली। यह बैठक भी कोई खास नहीं रहा। जनता को इससे कोई लाभ मिलने वाला नहीं है । गुमला जिले में अभी भी ऑक्सीजन की जरूरत लोगों को महसूस हो रही है गुमला जिले के डुमरी चैनपुर आदि प्रखंडों में प्रखंडों के लोग ऑक्सीजन के लिए मारामारी कर रहे हैं और श्री भगत ने कहा है कि गुमला जिले के तीनों विधायक एवं सांसद तथा प्रभारी मंत्री को तालमेल बिठाकर और इस कोरोना काल में समस्या को दूर करने के लिए पहल करनी चाहिए ।लेकिन वह अपनी जिम्मेवारी से दूर भाग रहे हैं ।ऐसे में गुमला जिले की जनता ने प्राणी करे तो क्या करें ।
रूपा तिर्की के थाने में हुई मौत के मामले की सीबीआई जांच करने की मांग
सरना समिति गुमला जिला के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला परिषद के सदस्य हंदू भगत ने साहेबगंज थाने की महिला थाना प्रभारी रूपा तिरकी को कथित आत्महत्या मामले की जांच सीबीआई से कराने मे झारखंड सरकार के द्वारा अभी तक सकारात्मक पहल नहीं किए जाने पर सवालिया निशान खड़ा किया है। श्री भगत ने कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री इस मामले पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि यह एक संगीन मामला है साहेबगंज थाने की प्रभारी महिला थाना प्रभारी रूपा तिरकी के कथित आत्महत्या के मामले को दबाया जा रहा है ।श्री भगत ने कहा है कि सत्तारूढ़ दल के नजदीकी एवं अवैध कारोबार से जुड़े दबंग व्यक्तियों को रुपा के द्वारा कड़े रवैया अपनाए जाने पर परेशानी हो रही थी। मीडिया में इस मामले पर परिवार के द्वारा लगाए गए आरोप में दारोगा ज्योत्स्ना कुमारी मनीषा कुमारी एवं पंकज मिश्रा के विरुद्ध आरोप लगाए थे इस मामले पर पुलिस के द्वारा खानापूर्ति करते हुए आरोपियों को दोषमुक्त करार दिया जा रहा है जबकि इस मामले की राज्य सरकार सरकार को निष्पक्ष जांच सीबीआई से करानी चाहिए। उन्होंने कहा है कि रूपा तिरकी।के आत्महत्या मामले को लेकर राज्य के विभिन्न राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों के द्वारा लगातार सीबीआई जांच कराने की मांग की जा रही है। लेकिन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस मामले पर चुकी है कुछ भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं जबकि सभी राजनीतिक एवं सामाजिक संगठनों की मांग को देखते हुए मुद्दे की सीबीआई जांच करा देनी चाहिए जिससे कि दूध का दूध और पानी का पानी मामला साफ हो सके।