राज्य के उच्च न्यायालय की जमीन कब्जाने को लेकर किए गए तल्ख टिप्पणी के बावजूद जारी है जमीन कब्जाने का खेल
जिला प्रशासन की शिथिलता का लाभ उठा जमीन दलाल भूमाफिया कर रहे कब्जा व निर्माण
कुजू| मांडू ( संवाददाता): कुजू ओपी क्षेत्र के विभिन्न इलाके के सरकारी गैरमजरूआ, वनभूमि, रेलवे और एनएच के जमीन को सरकारी कर्मियों की मिलीभगत से फर्जी कागजात और हुकुमनामा के बल पर अपना पुश्तैनी बताकर मामूली एग्रीमेंट के जरिए जमीन कब्जाने वाले लोग अपने चाल से बाज नहीं आ रहे. ऐसे लोगों का गिरोह इन दिनों कुजू क्षेत्र से गुजरने वाले फोरलेन सडक के बोंगावार, हथमारा, पोचरा, पैंकी, बूढाखाप आदि इलाके के सडक किनारे के जमीन को कब्जाकर निर्माण कराने में जुटा है. कल तक इस इलाके के जमीन को कोई पूछने वाला नहीं था. अब फोरलेन सडक बनते ही कई एक दावेदार न सिर्फ अपना जमीन बताने में शान दिखा रहे बल्कि मांडू अचंल कार्यालय के अधिकारी कर्मचारी से मिलकर फर्जी जमीन कब्जाने के लिए आशीर्वाद लेने वाले ये जमीन दलाल व भूमाफिया अब इन अधिकारियों पर ही आंखे तरेरते हुए बेवजह परेशान करने का आरोप लगा रहे हैं. साथ ही न्यायालय की धौंस दिखाकर कार्रवाई करने से रोकने का दबाब बना रहे. ऐसे में एक अधिकारी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि मात्र एग्रीमेंट के बल पर जमीन लेना किसी भी सूरत में जमीन का मालिक बनना नहीं है. यदि ऐसा होने लगे तो फिर कहीं के किसी जमीन को बगैर रजिस्टरी कराए ही लोग एग्रीमेंट के बल पर मालिक बन बैठेंगे. उक्त अधिकारी ने साफ तौर पर कहा कि जब पुश्तैनी जमीन व खरीदी गई जमीन है तो खुलेआम निर्माण कराने के बजाय चोरी छिपी निर्माण करा खुद ही जमीन कब्जाने वाले लोग अपना पीठ थप थपा रहे हैं. परिणाम शीघ्र ही सामने आएगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि बोंगावार इलाके में जमीन के फर्जी कागजातों का खेल वर्षों पुराना है. यहां फर्जी कागतात के बल पर सैकडों एकड जमीन कब्जाने के लिए कई लोग दावेदार बनकर आतुर हैं. कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय के जमीन कब्जाने बेचने संबंधी राजधानी के जमीन को लेकर किए गए तल्ख टिप्पणी से भी कोई सबक न लेते हुए शिथिल बैठे हैं. ऐसे में जमीन कब्जाने वाले खुलेआम ताल ठोकने को अपनी शान समझ बैठे हैं. इससे न सिर्फ जमीन कब्जाने वाले लोगों का मनोबल बढ रहा है बल्कि कई सफेदपोश भी इस खेल में शामिल होकर माल बनाने और अधिकारियों के पास बैठकर कार्रवाई को लीक करने में जुटे हैं. ऐसे लोग किसी राजनीतिक दल व आमजनता के कल्याण के लिए नहीं बल्कि अपनी फर्जी जय जयकार कराने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाने से बाज नहीं आ रहे. इसके लिए खुद के पैसे से स्वागत से लेकर बधाई देने तक का खेल खेलकर सरकारी अधिकारी पर अपने पहुंच पैरवी व पैसे के साथ दिखावे के लिए औकात का ढिंढोरा पीटा जा रहा है.