रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर: भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पांडेय ने फिर से एक बार चक्रधरपुर नगर परिषद के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा। चक्रधरपुर नगर परिषद द्वारा किए गए भ्रष्टाचारका एक और कारनामा आपके समक्ष समर्पित है। चक्रधरपुर शहरी क्षेत्र में 2019 से 20 में 4 रूपांतरित मिनी पार्क का निर्माण कराया गया था। जिसकी सूची आपको समर्पित कर रहा हूं।
. चेक नाका के समीप प्राक्कलन राशि 72100
एलआईसी भवन के समीप प्राकृत राशि 65400
कुसुम कुंज के समीप प्राकृत राशि 68700
इतवारी बाजार के समीप प्राकृत राशि 58475 लगभग
इन चारों रूपांतरित पार्को में कुल प्राकृत राशि 264675 की थी।आज देखने से इसका अवशेष भी नजर नहीं आता है। इसकी देखरेख की जवाबदेही नगर परिषद चक्रधरपुर की थी पर उनके देखरेख न करने के कारण उसकी दुर्दशा हो गई। पूरी राशि का बंदरबांट हुआ है। कहने का तात्पर्य है कि जब स्वच्छता के नाम पर रूपांतरित मिनी पार्क का निर्माण कराया गया था तो उसकी देखरेख होनी चाहिए थी। देखरेख नहीं करना बड़े भ्रष्टाचार को दर्शाता है इसकी मुकम्मल जांच होनी चाहिए। ताकि जनता का पैसा जो बर्बाद हुआ है, यह किसके कारण हुआ इसकी सच्चाई जनता के सामने आनी चाहिए। उसी तरह और भी कई भ्रष्टाचार के उदाहरण नगर परिषद के मिलेंगे जो फेस वॉइस फेस खुलासा होता रहेगा। उसी तरह डस्टबिन लगाने में भी बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती गई है। पूरे शहर में लगभग 150 डस्टबिन लगाया गया था जो आज एक भी नजर नहीं आ रहा है। उसकी पूरी जानकारी कल दी जाएगी उक्त बातें भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पांडे ने कही श्री पांडे ने सरकार और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए इसकी जांच की मांग की है ताकि दोषी व्यक्ति पर उचित कार्रवाई हो सके एवं हुए भ्रष्टाचार का उजागर हो सके।