रामगोपाल जेना
चाईबासा:झींकपानी प्रखंड अंतर्गत सुरजाबासा गांव में आदिवासी दिवस पर पढ़ाई-लिखाई सीखने सिखाने का का कमिटि “पड़ाव एतो एनेतो आखड़ा” के स्थापना का एक वर्ष पूरा होने पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। ज्ञात हो कि कोरोना काल में विद्यालय बंद होने से सुरजाबासा गांव के बुद्धिजीवी वर्ग के मार्गदर्शन में शिक्षित युवाओं ने जरुरतमंद परिवारों के बच्चों पढ़ाने का बीड़ा उठाया है।
कार्यक्रम में मसकल फाउंडेशन कृष्णा देवगम, रांधो देवगम, सुरजा देवगम,तुराम देवगम,हो साहित्यकार सोनू हेस्सा बतौर अतिथि उपस्थित थे।
मौके पर कृष्णा देवगम ने कहा कि सभ्य समाज की पंक्ति में आने और हक व अधिकार का समुचित बोध रखने की जरूरत है। इसके लिए शिक्षा का स्थान सर्वोपरि रखने का संकल्प लें।सोनू हेस्सा ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को समझदार बनाने की आवश्यकता है। समझदार बनाने के लिए शिक्षित होना जरूरी है।रांधो देवगम ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि समाज में आगे बढ़ रहे लोग पीछे रह रहे लोगों को भी आगे बढ़ने में सहयोग करें।एतो एनेतो आखड़ा के अध्यक्ष बौद्धिक क्षमता बढ़ाकर आर्थिक विकास के क्षेत्र में कदम रखने की जरूरत है।समिति के छोटा मुन्दुईया ने अभिभावकों से अपील किया कि अपने बच्चों को नशा जैसी बुरी आदतों से दूर रखें।
कार्यक्रम में कोरोना काल में विद्यालय बंद रहने के दौरान युवाओं द्वारा पढ़ाए गए बच्चों ने कविता सुनाए और खेती-बारी पर लघु नाटक आधारित की प्रस्तुति दी।अभिभावक गीता देवगम ने एक गीत काबू उसेना,आयर तेबु सेनोयना यानि कितना दिन पीछे रहेंगे,आगे बढ़ने की सोच विकसित करना है। मौके पर सुरेश चंद्र देवगम,जयराम देवगम,करमा देवगम,सूरज देवगम,रीता देवगम, शांति प्रिया देवगम समेत काफी संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे- बच्चियां उपस्थित थे।