बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: इस नज़ारे पर ज़रा गौर फरमाए, ना किसी के चेहरे पर कोई मास्क है ना ही किसी के चेहरे पर कोरोना का सम्भावित तीसरी लहर का कोई ख़ौफ। ऐसा भी नही है कि लॉकडाउन हटा ली गई हो कि सभी पाबंदियां खत्म कर दी गई हो। यह नजारा आपको यह बताने के लिए काफी है कि बोकारो के मज़दूर मैदान में आज सत्ताधारी जे एम एम द्वारा आयोजित जनआक्रोश रैली में कोविड 19 के प्रोटोकॉल की कैसी धज़्ज़िया उड़ाई गई, और यह सब देख प्रशासन भी मौन साधे रहा।
सेक्टर चार के मज़दूर मैदान में विस्थापितों के हक़ हक़ूक़ बचाने के लिए झारखण्ड मुक्ति मोर्चा ज़िला कमिटी द्वारा आयोजित रैली में ज़िले भर से आये विस्थापित शामिल हुए जिसमे महिलाओं की भी अच्छी खासी दिखी। कार्यक्रम की शुरूआत पारम्परिक लोक नृत्य से आरम्भ हुआ। वही वक्ताओं ने बोकारो इस्पात को ललकारते हुए कहा कि जिस उद्देश्य से विस्थापितों के ज़मीन का आधिग्रहन किया गया है उसी कार्य के लिए उस जमीन का उपयोग हो, आज प्रबन्धन करोड़ो के भाव मे विस्थापितों की ज़मीन निजी हाथों को बेच रही है। आज विस्थापित गांव में जीवन की मौलिक सुविधा भी उपलब्ध नही है। आज हम चेतावनी के तौर पर रैली कर प्रबन्धन को चेताने आये है कि विस्थापितों की माँगो की अनदेखी ना करे वरना हम आरपार की लड़ाई को बाध्य होंगे।