खूंटी: खूंटी जिले में बुधवार को शर्मनाक घटना घटित हुई जहां दो आदिवासी युवतियों के साथ चाकू की नोंक पर गैंगरेप की गई। इस घटना में वो नाबालिग युवती भी है जिसके साथ अक्टूबर 2018 में पीएलएफआई के कुछ नक्सलियों ने हथियार के बल पर जंगल ले जाकर गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। उस वक्त युवति 14 वर्ष की थी और मानसिक तौर पर अस्वस्थ थी जिसके कारण सीडब्ल्यूसी की निगरानी में पीड़िता का रिनपास में इलाज चल रहा था। पीड़िता जब ठीक हो गई उसके बाद वर्ष 2019 में केस दर्ज किया गया। उस वक्त पीड़िता के बयान पर हुए प्राथमिकी में बताया गया था कि 10 से 12 लोगों ने बंदूक की नोंक पर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के बाद पीड़िता को नक्सलियों ने धमकाया था कि किसी को बताओगी तो जान से मार देंगे। इस घटना में किसी की गिरफ्तारी नही हो पाई है हालांकि कुछ दिन पूर्व सुलेमान पूर्ति नामक युवक को अड़की पुलिस ने गिरफ्तार किया था जिसे इस सामूहिक दुष्कर्म का आरोपी बताया गया था।
दूसरी घटना उसी पीड़िता के साथ 2021 में जून के महीने में मुरहू थाना क्षेत्र के माहिल इलाके में घटी जहां खूंटी से चार युवक चाकू की नोंक पर अपहरण कर उसके साथ घिनौना कांड को अंजाम दिया। इस कांड के सभी आरोपी फरार हैं।
बताते चले कि पूर्व में हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद पीड़िता जब पूरी तरह ठीक हो गई थी तो उसके पिताजी उसे अपने साथ ले गए थे। पीड़िता को प्रशासन ने रिहैबिलिटेशन के तहत एक लाख रुपए मुहैया कराया था लेकिन बाल संरक्षण आयोग के अफसरों ने उस रुपए को बंदरबांट कर लिया था। बाद में डीसी शशि रंजन ने जांच का आदेश दिया था। जांच टीम को पीड़िता का कोई अता पता नही मिलने के कारण जांच बंद कर दिया गया लेकिन अचानक उसी पीड़िता के साथ 23 जून को फिर से गैंगरेप की घटना घटी। गौरतलब है कि जिला बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विंदेश्वर बिंधिया और बाल संरक्षण संस्थागत पदाधिकारी शिवाजी प्रसाद ने उक्त राशि की अवैध निकासी की थी।
बारंबार एक ही युवति से सामूहिक दुष्कर्म की घटना निश्चय ही खूंटी जिले के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। अब इस पूरे मामले में यह देखना होगा कि पुलिस कैसे आरोपियों को गिरफ्तार करेगी चूंकि पूर्व में इस युवति के साथ हुए गैंगरेप मामले में भी आरोपी अबतक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आये हैं। बहरहाल मामला गंभीर है मामले की गंभीरता को देखते हुए सीडब्लूसी और खूंटी पुलिस प्रशासन जल्द आरोपियों को सलाखों के पीछे भेजने का काम करेगी।