बरही से बिपिन बिहारी पाण्डेय
बरही: बरही इंटर महाविद्यालय के शिक्षकों व कर्मचारियों ने गुरुवार को एसडीओ पूनम कुजूर से भेंट किया। वहीं समस्यों से अवगत कराते हुवे कहा कि बरही इंटर कॉलेज की स्थापना के लिए सात एकड़ जमीन की आवश्यकता थी, जिसके लिए कुछ भू रैयतों ने अपनी अपनी जमीन का कुछ-कुछ भाग बरही इंटर कॉलेज के लिए बजाप्ते रजिस्ट्री महामहिम राज्यपाल के नाम से 1987 मे अभिलेख खोलकर अंचल निरीक्षक, अंचलाधिकारी, भूमिसुधार उपसमाहर्ता एवं उपायुक्त महोदय की अनुशंसा के पश्चात रजिस्ट्री किया। शेष भूमि भू रैयतों के नाम से वर्तमान में भी कायम है। कुछ भू माफियाओं ने सर्वे के दौरान सन् 2000 ई. में फर्जी भूदान का कागज बनाकर अवैध तरीके से जमाबंदी करा कर इंटर कॉलेज की जमीन एवं दान से बचे भू रैयतों की जमीन पर अपना दावा पेश करने लगे। आश्चर्य की बात है की 1958 का भूदान का पर्चा दिखाकर सन 2000 ईस्वी में 42 वर्षों के बाद बिना भौतिक सत्यापन किए, बिना अभिलेख खोलें, बिना कागजात की जांच किए फर्जी तरीके से जमाबंदी अंचल कार्यालय द्वारा कर दी गई। वहीं एसडीओ ने बताया की अभी किसी प्रकार का कोई आदेश जारी नहीं हुआ है इसकी गहन छानबीन एवं सभी रैयतों एवं इंटर कॉलेज के दस्तावेजों की छानबीन और भौतिक सत्यापन के पश्चात ही आदेश पारित किया जाएगा।