रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ द्वारा एक पत्र सौंप कर शिक्षक स्थानांतरण नियमावली में संघ का पक्ष एवं विचार से अवगत कराया गया. सीएम से मांग की गई कि शिक्षक स्थानांतरण नियमावली के विभागीय बैठक में संघ द्वारा प्रस्तुत पक्ष एवं विचार पर उचित कार्रवाई की जाय.
इस संदर्भ में केन्द्रीय महासचिव अमीन अहमद ने बताया कि विगत 19 जुलाई को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के विभागीय संकल्प संख्या 2093 दिनांक 6 अगस्त 2019 द्वारा गठित विद्यालयों के प्राचार्य, प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों के स्थानांतरण नीति पर विचार-विमर्श हेतु माध्यमिक शिक्षा निदेशालय,झारखंड, राँची द्वारा बैठक बुलाई गई थी. उक्त बैठक में झारखंड राज्य उर्दू शिक्षक संघ की ओर से दिये गए प्रस्ताव एवं सुझाव से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया है.
संघ की ओर से जो प्रस्ताव एवं सुझाव दिए गए हैं, उनमें विभागीय संकल्प संख्या 2093 दिनांक 6.8.2019 शिक्षक स्थानांतरण नियमावली के अनुछेद 6 (ख) के आलोक में उर्दू भाषा के लिए नियुक्त उर्दू शिक्षकों को उर्दू विद्यालयों में ही पदस्थापित करने, कुछ जिलों में पर्याप्त संख्या में उर्दू शिक्षक नहीं मिलने की स्थिति में उर्दू भाषा के जानकार सामान्य शिक्षकों को उर्दू विद्यालयों में पदस्थापित करने, पुरे राज्य के उर्दू विद्यालयों में गैर उर्दू भाषी शिक्षकों का पदस्थापन बड़ी संख्या में कर दिया गया है। उर्दू विद्यालयों से ऐसे शिक्षकों के स्थान पर उर्दू शिक्षक अथवा उर्दू भाषा के ज्ञाता शिक्षकों को पदस्थापित करने, जिन सामान्य विद्यालयों में 10 से अधिक उर्दू पढ़ने वाले विद्यार्थी हैं, नियमानुसार वहां उर्दू शिक्षक पदस्थापित करने, ग्रेड-4 में प्रोन्नति दिए जाने के क्रम में भाषा शिक्षक की सूची में अलग से उर्दू विद्यालय एवं उर्दू शिक्षकों को पदस्थापित करने की व्यवस्था करने, सभी कोटि के शिक्षकों को उनके गृह प्रखंड में ही पदस्थापित करने, अंतर जिला स्थानांतरण में पांच वर्ष सेवा की अनिवार्यता की अवधि को कम करते हुए 3 वर्ष करने, अंतर जिला स्थानांतरण में पति-पत्नी को एक ही प्रखंड में पदस्थापित करने की सुविधा का लाभ राज्य कर्मियों की तरह केंद्रीय कर्मियों को भी दिए जाने, वृद्ध, गंभीर रूप से बीमार, निशक्त एवं महिला शिक्षकों को गृह प्रखंड के समीप के विद्यालय में पदस्थापित करने, जोनवार होने वाले स्थानांतरण में वर्ष की पाबंदी नहीं रखी जाय क्योंकि जोनवार स्थानांतरण पहली बार हो रहा है, इसलिए इसमें सभी शिक्षक शिक्षिकाओं को अवसर प्रदान करने, युक्तिकरण के पश्चात आवंटित किए जाने वाले ऊर्दू विद्यालयों में उर्दू शिक्षक ही पदस्थापित किए जाने, तथा अंतर जिला स्थानांतरण के क्रम में एक बार सभी शिक्षकों को गृह जिला अथवा गृह प्रखंड में लौटने का अवसर दिये जाने की अपील की गई है.
अमीन अहमद ने बताया कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री जगरनाथ महतो एवं संसदीय कार्य एवं ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम को भी पत्र की प्रतिलिपी दी गई है.