बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: बड़े शहरों में कोरोना से हो रही मौत के बाद श्मशान और कब्रिस्तान की जो तश्वीरें सामने आ रही थी वो चौकाने वाला था। बोकारो की तश्वीर इससे बिल्कुल उलट है। आज हमने नगर के मुख्य श्मशान घाट गर्गा श्मशान घाट का दौरा किया तो यहाँ सबकुक सामान्य ही दिखा। सरकारी आकड़ो में अबतक बोकारो में कोरोना से 16 मौते हुई है जिसमे चार दूसरे प्रखंड के थे। आज हमने गर्गा शमशान काली मंदिर ट्रस्ट के मैनेजर लखन महथा से जब बात की तो उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल से लेकर 18 अप्रैल तक कुल 22 शवो का यहां धाह सँस्कार हुआ है , कोरोना से हुई मौत वाले शवो के लिए अलग से व्यवस्था की गई है ताकि सक्रमण ना फैले। वही शव जलाने पहुँचे एक शख्स ने बताया कि यहाँ की सब व्यवस्था ठीक है, कोरोना के ख़ौफ़ और सावधानी की बजह से अन्तिमक्रिया में भी कम ही लोग पहुँच रहे है। इस पूरी स्तिथि को देख हम सहज ही कह सकते है कि बोकारो में कोरोना को लेकर पैनिक होने की कोई ज़रूरत नही है अगर ज़रूरत है तो सिर्फ कोविड प्रोटोकॉल को गम्भीरता से पालन करने की। कोरोना के दूसरे पहलू की अगर बात की जाय तो बोकारो में सरकारी और निजी अस्पतालों पर दबाब ज़रूर बढ़ा है लेकिन स्वस्थ्य महकमा उससे भी निपटने में लगा हुआ है। अगर हम सावधानियां बरते तो जल्द ही स्तिथि सामान्य हो सकती है।