बैंको का किस्ती नहीं जुट पा रहा है ऋणी
मिहिजाम से मिथिलेश निराला की रिपोर्ट
मिहिजाम:शहरी क्षेत्र में लॉकडाउन का असर इतना भयावह तरीके से डाल चुका है कि लोगों के घरों में चूल्हा तक जलने पर आफत आन पड़ी है। जिसका नतीजा है कि बड़ी-बड़ी दूकान चलाने वाले व्यवसाई अब अपने परिवार का पेट भर करने के लिए फुटपाथ पर मास्क और सेनीटाइजर बेचने को मजबूर हो गए हैं । बड़े-बड़े कपड़ा दूकान, आभूषण दूकान, सलून ,मनिहारी सहित अन्य दुकानों को चलाने वाले व्यवसायियों की दूकान सरकारी आदेश का भेंट चढ़ जाने के कारण इन लोगों के समक्ष भरण-पोषण पर भी आफत आन पड़ी हैं। जिस कारण ये दूकानदार या तो अपना व्यवसाय बदल चुके हैं या फिर मास्क एवं सैनिटाइजर बेचकर किसी तरह घर का चूल्हा जला पा रहे हैं।
क्या कहते हैं दुकानदार ?
इस बाबत मनिहारी दुकान चलाने वाले मोहम्मद सज्जाद अनवर ने कहा कि सरकारी आदेश के तहत दूकान पिछले डेढ़ महीनों से बंद पड़ा हुआ है । घर में भरा परिवार है। दुकान बन्द हो जाने के कारण फुटपाथ पर किसी तरह मास्क एवं सैनिटाइजर की बिक्री कर रहे हैं। प्रशासन को हम लोगों के ऊपर पर ध्यान देना चाहिए। वही मनिहारी दुकानों में होलसेल करने वाले राजकुमार गुप्ता ने आप बीती सुनाते हुए कहा कि हम लोगों के समक्ष भुखमरी की नौबत आ चुकी है। व्यवसाय पूरी तरह से चौपट हो चुका है। मिहिजाम के ही एक बैंक का 5 लाख का कर्जदार हैं। बैंक का मासिक किस्त चुका नहीं पा रहे हैं। क्योंकि इस लॉकडाउन के कारण खाने पर लानत आ चुका है, तो फिर बैंक का कर्जा कैसे चुकाएं। यही स्थिति तपन महतो का है। उन्होंने बरसों से अपना परिवार का भरण पोषण चाय बेचकर किया करता था। लेकिन इस वर्ष चाय की दुकान लॉक डाउन का भेंट चढ़ चुका है। जिस कारण किसी तरह ठेला लगाकर सब्जी बेचकर अपने परिवार का भरण पोषण करने हेतु जद्दोजहद कर रहा है। नगर परिषद मिहिजाम क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में बड़ी बड़ी दुकान चलाने वाले व्यवसाई अपनी प्रतिष्ठान के सामने सेनीटाइजर एवं मास्क की बिक्री करते नजर आ रहे हैं ।इससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन व्यवसायियों के ऊपर क्या गुजर रहा होगा। इन लोगों ने जिला प्रशासन से मांग किया है कि या तो प्रशासन हमें दुकान खोलने की अनुमति दें या फिर भरण-पोषण करने हेतु खाद्य सामग्री उपलब्ध कराएं।