11 जुलाई को सिद्ध रवि पुष्य नक्षत्र एवं सर्वार्थसिद्धि योगके साथ गुप्त नवरात्रि का शुभारंभ.
जामताड़ा से राज किशोर सिंह की रिपोर्ट
जामताड़ा : आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई को रवि पुष्य नक्षत्र के दिव्य संयोग में आरंभ होगी। पंचांगीय गणना के अनुसार सप्तमी तिथि का क्षय होने से नवरात्रि आठ दिन की रहेगी। देवी आराधना के पर्वकाल में तीन रवि तथा एक सर्वार्थसिद्धि योग रहेगा। दिव्य योग व शुभ संयोगों में गुप्त साधना करेंगे।
श्रीमद् देवी भागवत में आदि शक्ति मां दुर्गा की उपासना के लिए चार नवरात्रि का उल्लेख मिलता है। इसमें दो गुप्त व दो प्राकट्य नवरात्रि कही गई है। चैत्र व अश्विन मास की नवरात्रि प्राकट्य तथा माघ व आषाढ़ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि कहलाती है। वैदिक तंत्र, मंत्र व यंत्रों की साधना के लिए गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व बताया गया है। इसलिए नवरात्रि में साधक इस सिद्धक्षेत्र में सिद्धि प्राप्ति के लिए गुप्त साधना करते हैं।
इस गुप्त नवरात्रि में कोई भी जातक अपनी राशि अनुसार मंत्र के द्वारा सिद्धि प्राप्त कर सकता है पंडित पुष्पराज आचार्य जावरा ने बताया कि
गुप्त नवरात्रि 11 जुलाई से प्रारंभ होकर 18 जुलाई तक चलेगी ।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुप्त नवरात्रि तंत्र और मंत्र को सिद्ध करने के लिए होती है किसी प्रकार का मंत्र या किसी भी प्रकार की विद्या या किसी भी प्रकार का का कवच स्त्रोत या चालीसा आदि पढ़कर हम उसे सिद्ध कर
उस सकते हैं
गुप्त नवरात्रि में मां कालीके, तारा देवी, है त्रिपुरा सुंदरी, भुनेश्वरी माता, चित्र मस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां धुम्रवती, मां बगलामुखी, मां मातंगी
और कमला देवी की पूजा अर्चना की जाती है
अपनी राशि अनुसार मंत्र को सिद्ध करें
मेष राशि। ॐअं अंगारेश्वर नमः
वृषभ राशि ॐशुं शुक्राय नमः
मिथुन राशि ॐ बूं बुधाय नमः
कर्क राशि ॐचं चंद्रेश्वराय नमः
सिंह राशि ॐ घृणि सूर्याय नमः
कन्या राशि ॐ बूं बुधाय नमः
तुला राशि ॐशुं शुक्राय नमः
वृश्चिक राशि ॐ अं अंगारेश्वर नमः
धनु राशि ॐ ब्रं बृहस्पतयै नमः
मकर राशि ॐशं शनैश्चराय नमः
कुंभ राशि ॐशं शनैश्चराय नमः
मीन राशि ॐ ब्रं बृहस्पतयै नमः आदि मंत्रों को अपनी राशि अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में जप कर अपनी राशि सिद्ध कर सकते हैं ।