रांची: आज बाल दिवस के अवसर पर दिव्यांग बच्चों के अभिभावक एवं प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ के शिक्षकों के द्वारा बाल दिवस को काला दिवस के रूप में मनाया । सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा 28 अक्टूबर को केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार बनाम रजनीश कुमार पांडे एवं विशेष शिक्षको के द्वारा किए गए जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्री ,राज्यपाल,विभागीय मंत्री राज्य निःशक्तता आयुक्त एवं सभी प्रधान सचिवों को निर्देश देते हुए उल्लेख किया गया है कि इस देश के 21 प्रकार के दिव्यांग जनों को शिक्षा का मौलिक अधिकार है । इसीलिए दिव्यांग बच्चों एवं सामान्य बच्चों के समावेशी शिक्षा के लिए सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में विशेष शिक्षकों की नियुक्ति 5 अनुपात 1 के आधार पर अभिलंब करने का आदेश देते हुए मार्च महीने की अंतिम तिथि तय की गई है अन्य राज्यों के राज्य निःशक्तताआयुक्त इस आदेश का पालन करते हुए सभी विभाग के सचिव एवं उपायुक्त को निर्देशित कर रहे हैं परंतु झारखंड सरकार में बीते दिव्यांग शिकायत निवारण तंत्र मार्च से राज्य निःशक्तता आयुक्त का पद खाली है । इसी कारण विभाग के अधिकारियों एवं विभागीय मंत्रियों के द्वारा दिव्यांग बच्चों के अधिकारों का हनन करते हुए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर रहे हैं । इसीलिए दिव्यांग बच्चों के अभिभावक एवं शिक्षकों के द्वारा झारखंड सरकार के खिलाफ बाल दिवस को काला दिवस के रूप में मनाने का कार्य प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ एवं अभिभावक संघ किया। संघ ने संपूर्ण झारखंड के दिव्यांग बच्चों दिव्यांगजनो एवं अभिभावकों को 3 दिसंबर विश्व दिव्यांगता दिवस को झारखंड सरकार के काले कारनामों के दिवस के रूप में अल्बर्ट एक्का चौक में मनाने हेतु आह्वान की है इस कार्यक्रम में दिव्यांग अधिकार मंच के अजीत कुमार प्रशिक्षित विशेष शिक्षक संघ के अध्यक्ष पावेल कुमार सचिव निखिल मधुर ,निखिल कुमार, अनंजय कुमार ,पंकज कुमार ,सुमंत मंडल ,छाया मंडल, रेनू बड़ाईक,पल्लवी कुमारी ,मंजू कुमारी, नरेंद्र कुमार ,शशि कुमार, विनय कुमार, इमरान अंसारी, परमानंद कुमार, विजय कुमार, विश्वनाथ कुमार ,अजय कुमार, सहित दर्जनों अभिभावक एवं शिक्षक उपस्थित हुए।