बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज बिरसा सेवा आश्रम बोकारो स्टील सिटी मे आदिवासी संस्कृतिक विकास परिषद कि ओर से विश्व आदिवासी दिवस मनाया गया । इस कार्यक्रम मे विशेष रुप से झारखंड क्रांतिकारी मजदूर यूनियन के महामंत्री डी. सी.गोसाई ने अपने सम्बोधन में कहा कि 1994 मे संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 अगस्त को पूरे दुनिया मे आदिवासियो कि अस्मिता, उनके अधिकार एवं संस्कृतिक पहचानो को बचाये रखने के लिए आदिवासी दिवस मनाने का निर्णय लिया। महामंत्री ने कहा कि पूरे दुनिया मे आदिवासियो कि कुल संख्या 50 करोड है और हमारे देश भारत मे ही लगभग 15 -16 करोड आदिवासी जनजाति रहते है । यह असम , नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम , बंगाल , बिहार , उडिसा, झारखंड , छत्तीसगढ, तैलांगाना , मध्यप्रदेश , आंन्ध्रप्रदेश, राजस्थान एवं महाराष्ट्र आदि प्रदेशो मे निवास करते है । वैसे तो आदिवासी जनजाति समुदाय सदैव ही समानता, सामुहिकता एवं सामाजिक पृष्ट भूमि बनाये रखने मे सक्रिय रहते है एवं इतिहास गवाह है कि शोषण जुल्म के खिलाफ मे हमेशा ही प्रतिवाद करते आ रहे है । इस अवसर जसवा कच्क्षप, हूल झारखंड क्रांति दल ने कहा कि झारखंड के आदिवासी जल, जंगल ,जमीन और अपने हक के लिए पिछले 200 वर्षो से संघर्ष करते आ रहा है। कभी तिलका मांझी आंदोलन, पहाड़िया विद्रोह, मुंडा विद्रोह, हो विद्रोह, भूमिज विद्रोह, और संथाल विद्रोह ने तो पूरे ब्रिटिश हुकूमत को ही हिला कर रख दिया था । आज विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर शोषित उत्पिडीत मजदूर किसान को आगे आकर इस संघर्ष को आगे बढाने की जरुरत है ।