रामगढ़: सीसीएल रजरप्पा प्रोजेक्ट में वरीय डम्पर ऑपरेटर स्पेशल ग्रेड के पद पर कार्यरत व हिंद मजदूर सभा से सम्मबद्ध राष्ट्रीय कोयला मजदूर यूनियन रजरप्पा क्षेत्र के सचिव सह ऑल इंडिया अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व पिछड़ा वर्ग काॅ-ऑडिनेशन कौंसिल रजरप्पा क्षेत्र के उपाध्यक्ष ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है ।कि सत्य परेशान हो सकता है,। पराजित नहीं,। श्री विश्वकर्मा हमेशा कंपनी व देशहित में अनियमितता, भ्रष्टाचार के विरुद्ध व खान तथा कारखाना सुरक्षा के प्रति जागरुकता रखते हैं और एक अच्छे आरटीआई कार्यकर्ता भी हैं. ।यही जागरुकता रखने के कारण उन्हें तरह तरह से परेशान व प्रताड़ित होना पड़ता है.। श्री विश्वकर्मा को वर्ष 2007 में सीसीएल प्रबंधन ने पहले डिमोशन व फिर नौकरी से टर्मिनेट कर दिया,। जिसे कुछ ही दिनों के अंदर वापस भी कर लिया था.। वर्ष 2016 में उन्हें रजरप्पा क्षेत्र से सीसीएल के चरही क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया था,। जिन्हें करीब एक माह के अंदर ही रजरप्पा क्षेत्र में वापस कर दिया गया था.। वर्ष 2017 में इनके बिरोधियों ने अपना निहित स्वार्थ पूर्ति के लिए एक सोची समझी साज़िश के तहत इनके छोटे भाई की पत्नी सें रजरप्पा थाना में इनके उपर छेडखानी एवं बलात्कार का प्रयास करने का झूठा केश कराकर जेल भेजवा दिया गया था, ।जिन्हें करीब 15 दिन बाद न्यायालय से जमानत मिलने पर जेल से निकले थे, जिस केश में 13 जूलाई 2020 को अनुमंडलीय न्यायिक दंडाधिकारी,वयवहार न्यायालय, रामगढ़ के न्यायालय ने उन्हें ढाई वर्ष का कारावास व पाॅच हजार रुपये जुर्माना का सजा सुनाते हुए उपरी अदालत में अपील के लिए एक माह का समय देते हुए जमानत दिया था, ।जिनके द्वारा नियत समय के अंदर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, वयवहार न्यायालय, रामगढ़ के न्यायालय में अपने अधिवक्ता प्रभात कुमार सिंह के माध्यम से अपील दायर किया गया था,। जिनके अपील पर सभी पक्षों के दलीलों को सुनने व मौजूद साक्षय तथा सबूतों के आधार पर 19 जूलाई 2021 को श्री विश्वकर्मा के अपील को स्वीकृत करते हुए निचली अदालत द्वारा दिये गये सजा से बरी करने का फैसला गया है।. इससे यह साब पता चलता है कि श्री विश्वकर्मा को सीसीएल प्रबंधन व अन्य यूनियन के बिरोधी नेताओं के द्वारा साजिसतन परेशान व प्रताड़ित किया जाते आ रहा है.। श्री विश्वकर्मा के ईमानदार छवि के कारण ही सीसीएल रजरप्पा क्षेत्र कर्मचारी भी उनके उपर काफी विश्वास करते हैं और उनकी सुनते हैं. श्री विश्वकर्मा ने कहा कि हमारे लिए कंपनी हित व देशहित सरवोपरि है, जिसके लिए मैं हमेशा काम करता हूँ ।और मेरी यही जागरुकता के कारण ही कुछ लोगों का निहित स्वार्थ व लाभ की पूर्ति नहीं हो पाती है।, जो मेरे विरूद्ध तरह तरह कि साजिश रच कर मुझे परेशान व प्रताड़ित करते आ रहे हैं, ऐसे लोगों को इससे बचने व निहित स्वार्थ व लाभ की पूर्ति कि त्याग कर कंपनी व देशहित में कार्य करने का सलाह दिया है।