खूंटी: मात्र दो माह 4 दिन में एक ही संवेदक के दो पुल बारिश की भेंट चढ़ गए। दोनों पुल कांची नदी पर अलग अलग इलाकों में बनाये गए थे। एक पुल निर्माण की असलियत यास तूफान ने खोली तो आज बंगाल की खाड़ी से उठी चक्रवातीय बारिश ने पुल के स्पेल को ही ध्वस्त कर दिया।
मामला तमाड़ प्रखण्ड के कांची नदी में बना उच्च स्तरीय पुल बामलाडीह का है। बामलाडीह पुल 2014 में लगभग 13 करोड़ की लागत से बना था। जो आज शाम लगभग 3 से चार बजे के बीच भरभरा कर गिर गया और पानी की तेज धार में एक स्पेल पुरी तरह से बह गया। साथ ही तीन स्पेल भी टेढ़ा हो गया है। इस पुल के टूटने से लगभग 30 गांव के लोग प्रभावित होंगे जिनको अब मुख्यालय या बाजार जाने के लिए लगभग 30 किमी की दूरी तय करनी पड़ेगी।
विडंबना ये है कि इससे पहले भी 27 मई 2021 को इसी नदी मे बना हाराडीह बुढ़ाडीह पुल भी पानी में बह गया है। और दोनों ही पुल के संवेदक एक ही है रंजन पांडेय। लोगों का आरोप है कि पुल निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती गयी है लोगों ने कई बार विरोध भी किया लेकिन एक राजनेता के छत्रछाया में काम रहे संवेदक अपनी मनमानी करते हुए पुल खड़ा कर दिया था जो महज 5 साल में टूट कर बह गया।