खूंटी : जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा आज कर्रा प्रखण्ड के कटमकुटु पहुंचे और वन महोत्सव का शुभारंभ किया। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने वृक्षारोपण किया और हाइटेक नर्सरी का अवलोकन किया। हाइटेक नर्सरी में इमारती पौधे शीशम, सागवान, महोगनी, बांस, आम इमली, काजू, आंवला समेत कई फलदार वृक्ष भी नर्सरी में लगाये गए हैं। वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग लगातार प्रयासरत है। इसी क्रम में नई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए हाईटेक नर्सरी का उद्यान कर्रा के कटमकुटु में बनाया गया है। प्रति पौधे 5 रुपये कीमत देकर कोई भी हाईटेक नर्सरी से पौधे खरीदकर वृक्षारोपण कर सकता है।
वन महोत्सव कार्यक्रम में उपस्थित जिले के उपायुक्त शशि रंजन ने कहा कि आदिवासी इलाकों में अब भी जंगल बचाये गए हैं। आदिवासी इलाकों में जमीन को बचाने के लिए जो मुहिम चलायी जाती है उसे और आगे बढ़ाने के लिए वृक्षारोपण एक सांकेतिक प्रयास है। खूंटी जिले में एक ही दिन में एक लाख पौधे लगाने की शुरुवात की जाएगी। इससे खूंटी में ग्रीन मिशन का आगाज भी होगा और जिले के प्रत्येक परिवार को वृक्षारोपण से जोड़ने की पहल की जाएगी।
बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने वन महोत्सव में उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्त्तमान समय मे वन पर्यावरण संरक्षण की आवश्यकता प्राथमिक आवश्यकताओं में शामिल हो गयी है। कोरोना संक्रमण काल में पूरी दुनिया ने ऑक्सीजन की जरूरत को समझ लिया है। ऑक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमितों की जान जाने से अब पर्यावरण की सुरक्षा का दायित्व हमारी पीढ़ी पर आ गयी है। वनों के संरक्षण और वृक्षारोपण से पर्यावरण संतुलन बनाया जा सकता है। वर्तमान जीवन शैली से वायुमंडल पर इस तरीके से दबाव बढ़ गया है कि मनुष्य प्राकृतिक चीजों पर निर्भर न होकर कृत्रिम तरीकों से अपनी जरूरतें पूरी कर रहा है। यह सब चीजें शहरी इलाकों में ज्यादा देखने को मिल रही हैं, ग्रामीण इलाकों में प्रकृति पर अब भी लोग निर्भर हैं। दूसरी ओर भौगोलिक परिस्थितियों के कारण लगातार समुद्र में नदियों के माध्यम से मिट्टी बालू का अपरदन होता है और स्थल का हिस्सा धीरे धीरे कमता जा रहा है। वृक्षारोपण से मिट्टी के अपतदन को कुछ हद तक रोका जा सकता है और वृक्षो से वायुमंडल में ऑक्सीजन के स्तर को भी बढ़ाया जा सकेगा।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, डीसी शशि रंजन, डीडीसी अरुण कुमार सिंह, एसपी आशुतोष शेखर, डीएफओ कुलदीप मीणा, सांसद के जिला प्रतिनिधि मनोज कुमार, अर्जुन बड़ाईक, विकास कुमार, सहित जिले के कई प्रशासनिक पदाधिकारी और जेएसएलपीएस के अधिकारी और महिलाएं उपस्थित थीं।