कान्हाचट्टी(चतरा)। कहावत है कि यदि दिल में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो तो, कुछ भी हासिल किया जा सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है चतरा जिले के कान्हाचट्टी प्रखंड अंगर्तत अति पिछड़े गांव लारालुटुदाग के दिव्यांग उपेंद्र कुमार पिता तालू यादव ने। पैर व हाथ से दिव्यांग उपेंद्र इंटर की पढ़ाई करने के साथ अपने गांव में छोटे-छोटे समुह में बच्चों को कोरोना काल में स्कूल बंद रहे के कारण निःशुल्क शिक्षा दे रहा है। दिव्यांग चार भाई-बहनों में सबसे बड़ा है और पिता की आर्थिक स्थिति ठीक नही है। युवक को सरकारी सुविधा के नाम पर मात्र विकलांगता पेंशन ही मिलता है। कहीं आने जाने के लिए दूसरों का सहारा लेना पड़ता है। उपेंद्र एक वर्ष से कक्षा एक से लेकर आठ तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा दे रहा है। दिव्यंग उपेंद्र ने तीन पाहिया वाहन के लिए कई बार कल्याण विभाग में आवेदन दिया, ताकी घर से स्वंय कॉलेज व बाजार जा सके, लेकिन अभी उसके आवेदन पर ध्यान नहीं दिया गया। युवक ने सांसद, विधायक व उपायुक्त से तीन पाहिया बाइक उपलब्ध कराने की मांग की है।