बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: शहर भर में दरबानुमा बने बिल्डिंगों खुले अस्पतालों के दलाल के चक्कर मे फंसकर गोमिया निवासी 72 वर्षीय गोविंद प्रसाद को अपनी जान गवानी पड़ी। उनकी हुई मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल परिषर में हंगामा किया। दरअसल 72 वर्षीय गोंविद दमा रोग से पीड़ित थे, कल शाम जब उन्हें सांस ले दिक्कत होने लगी तो उनके बेटे बसन्त कुमार ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने वास्ते फ़ोन पर जब सम्पर्क साधा तो उनसे कहा गया कि आप मरीज़ को लेकर चास स्तिथ मदर टेरेसा अस्पताल पहुँचिये यहाँ इलाज की समुचित व्यवस्था है। बसन्त अपने पिता को लेकर अस्पताल पहुँचे प्रारम्भिक पूछताछ के बाद अपने पिता को अस्पताल में पैसे जमकर एडमिड करा दिया। महज़ कुछ ही घण्टे बाद मरीज़ की स्तिथि सुधरने के बाद बिगड़ने लगी तो अस्पताल प्रबंधन द्वरा उन्हें अन्य अस्पताल शिफ्ट करने की सलाह दी गई। आननफानन में मरीज़ के परिजन उन्हें लेकर इस अस्पताल से उस अस्पताल तक भटकते रहे उन्हें कही भी एडमिट नही कर सके और रास्ते मे ही मरीज़ के सासे उखड़ गई। मरीज़ की हुई मौत के बाद उनके परिजन वापस मदर टरेसा अस्पताल पहुँचकर हगामा आरम्भ कर दिया। उनका आरोप था कि जब उनके पास इलाज की कोई सुविधा नही थी तो फिर इमरजेंसी में मरीज़ को अस्पताल में भर्ती क्यो किया। मृतक के बेटे बसन्त ने बताया कि ये सभी अस्पताल दलालो के माध्यम से इंसानी जान से खिलवाड़ कर रहे है। इनका एक मात्र मक़सद है ठगी कर पैसा कमाना।
वही अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि मरीज़ की स्तिथि को देखते हुए उन्हें इसी बड़े अस्पताल में जाने की सलाह दी गई थी, अस्पताल जाने के क्रम में मौत हो गई ऐसे में अस्पताल कही से भी ज़िम्मेवार नही है।
वही घटना की सूचना पर अस्पताल पहुँची पुलिस ने किसी तरह स्तिथि को काबू में कर जाँच पड़ताल आरंम्भ कर दी है।
पूरे मामले पर अगर गौर करे तो ये साफ प्रतीत होता है कि शहर भर में फैले इस तरह के अस्पताल पूरे जिले में अपना दलाल फैला रखा है तभी तो सूदूर गोमिया का रहने वाला व्यक्ति बोकारो शहर को पार कर उपनगर चास के छोटे से अस्पताल में इलाज कराने पहुँच जाता है जब्कि रास्ते मे ही कई बड़े अस्पताल मौजूद थे।