रांची: झारखण्ड राज्य में स्थानीयता पुनर्भाषित कराने के लिए नेतृत्वकर्ताओं का एक दिवसीय राज्य स्तरीय सम्मेलन शनिवार को वर्चुअल माध्यम से सम्पन्न हुआ। जय झारखंड (झारखंड अगेंस्ट इनजस्टिस) की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में राज्यभर के विभिन्न संगठन के नेतृत्वकर्ताओं ने मजबूती से अपना पक्ष रखते हुए स्थानीयता को परिभाषित किया। राज्यवासियों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं शैक्षणिक स्थिति में कोई व्यापक बदलाव नहीं आया है। इसका सबसे बड़ा कारण स्थानीय नीति को सही ढंग से परिभाषित नहीं करना है। जो नीति सरकार ने बनाई है उसका ज्यादा लाभ बाहरियों को मिल रहा है।
प्रस्ताव इस प्रकार है-
स्थानीय नीति परिभाषित समिति का गठन,मूलवासी आयोग का गठन, सभी संगठन “जय झारखण्ड” के बैनर तले एक मंच पर आकर संघर्ष करेंगे।
वर्चुअल सम्मेलन में सुनील महतो, डॉ मुजफ्फर हुसैन, डॉ सुनील प्रामाणिक, बिमल अरविंद, संतोष महतो, पंकज सिन्हा, देवाशीष महतो, धनंजय स्वर्णकार, विशाल सिन्हा, विद्दाधर प्रसाद, उमेश महतो, काजल सोनी, प्रणव सिंह, डॉ रोहित तुरी, शिवेंद्र सिन्हा, इमाम सफी, देवेंद्र महतो, रामवृक्ष, सुरेंद्र पासवान, प्रो अरविंद साहू.समेत कई गणमान्य ने अपना पक्ष रखा।