विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति व जिला यक्ष्मा इकाई के संयुक्त तत्वावधान मंे पटेल चैक में जागरूकता अभियान कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा, सिविल सर्जन डाॅ0 विजया भेंगरा, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी देवेन्द्रनाथ भादुड़ी तथा जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डाॅ0 राजेश टोप्पो ने संयुक्त रूप से फीता काटकर अभियान का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि जिला यक्ष्मा नियंत्रण इकाई के द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर तपेदिक/यक्ष्मा के मरीजों को चिन्हित किया जाता है। मरीजों को चिन्हित करने के पश्चात् उनका ईलाज किया जाता है। जिला यक्ष्मा इकाई गुमला के द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अंतर्गत गुमला जिले मंे 526 यक्ष्मा/तपेदिक मरीजों को चिन्हित किया गया है। तपेदिक के नियंत्रण, बिमारी के लक्षण एवं रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान के माध्यम से तपेदिक पीड़ित मरीजों को टी.बी. से बचने के लिए नियमित दवा का सेवन बलगम की जाँच के लिए प्रेरित किया जा रहा है। आज चिकित्सा व्यवस्था के तहत् जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में बलगम की निःशुल्क जाँच की जाती है। साथ ही टी.बी. होने पर डाॅट्स के तहत् सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मुफ्त दवा वितरित की जाती है। टी.बी. का संक्रमण बच्चे, युवक, बृद्ध किसी को भी हो सकता है। संक्रमित मरीजों का वजन के हिसाब से टी.बी. की दवाईयाँ दी जाती है।
उपायुक्त ने संबोधित करते हुए कहा कि टी.बी. संक्रमित पाए जाने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है। टी.बी. का ईलाज चिकित्सीय जाँच एवं प्रतिदिन नियमित रूप से डाॅट्स लेने से संभव है। इस अवसर पर टी.बी. हारेगा देश जितेगा की अवधारणा पर आधारित मास्क का वितरण करते हुए उपायुक्त ने आम लोगों से जिले में कोरोना संक्रमण के प्रसार को देखते हुए मास्क का नियमित उपयोग सामाजिक दूरी का अनुपालन एवं हाथ की सफाई तथा सेनिटाईजेशन के उपयोग पर बल दिया।
समारोह में डाॅ0 विजया भेंगरा एवं जिला यक्ष्मा पदाधिकारी राजेश टोप्पो ने टी.बी. के कारण, लक्षण एवं निवारण पर विस्तार से जानकारी दी। चिकित्सकों ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को दो हफ्ता या उससे अधिक समय से खाँसी होता हो, हल्का बुखार आता हो तथा शाम के समय बुखार बढ़ जाए, शारीरिक कमजोरी महसूस हो, वजन नियमित रूप से घट रहा हो, लसीका ग्रंथी बढ़ रहा हो, सीने में दर्द महसूस हो, खखार और बलगम के साथ कभी-कभी खून निकलता हो तो यह सभी लक्षण टी.बी. संक्रमण का सूचक है। चिकित्सकों ने बताया कि इन लक्षणों के दृष्टिगत होने पर संबंधित व्यक्ति को सदर अस्पताल यक्ष्मा केन्द्र तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों मंे जाकर अपने बलगम की जाँच करानी चाहिए। जाँच में टी.बी. संक्रमण पाए जाने पर नियमित रूप से डाॅट्स दवा का सेवन करना चाहिए। उन्होंने बताया कि टी.बी. एक संक्रमित बिमारी है। इसका वायरस पीड़ित मरीज के बलगम, थूक तथा छिंकने से हवा के द्वारा फैलता है। इसलिए टी.बी. संक्रमित मरीज को यत्र, तत्र, सर्वत्र थूकदान से बचना चाहिए। खांसते छिंकते समय मुँह को तौलिया या रूमाल से ढक लेना चाहिए साथ ही मास्क का भी उपयोग करना चाहिए।
विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर बड़ी संख्या में आम नागरिकों के बीच टी.बी. हारेगा देश जितेगा स्लोगन सहित मास्क का वितरण किया गया। आम नागरिकों से मास्क के प्रयोग की अपील की गई। साथ ही कोरोना संक्रमण को देखते हुए अपने घर के आस-पास साफ-सफाई, सामाजिक दूरी का अनुपालन एवं हाथ की नियमित धुलाई पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।