गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा: आज उपायुक्त भोर सिंह यादव एवं पुलिस अधीक्षक वाई एस रमेश के द्वारा संयुक्त रूप से जानकारी दी गई कि कोरोना संक्रमण के बचाव एवं रोकथाम के लिए गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग झारखंड सरकार द्वारा स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह को 01 जुलाई से अगले आदेश तक विस्तारित किया गया है। इस दौरान जिला अंतर्गत सभी प्रकार की दुकानों को सोमवार से शनिवार तक रात 08:00 बजे तक ही संचालन करने की अनुमति दी गई है। इस अवधि में कोविड-19 के लिए निर्धारित दिशा-निर्देशों का अनुपालन अनिवार्य है। उक्त आदेश के अनुसार साप्ताहांत पर दिनांक 24 जुलाई शनिवार रात्रि 08:00 बजे से सोमवार 26 जुलाई सुबह 06:00 बजे तक पूर्णत: लॉकडाउन लागू किया गया है। इस दौरान फल, सब्जी, किराना, सामग्री, मिठाई एवं अन्य खाद्य सामग्री की दुकानें बंद रहेगी। सिर्फ स्वास्थ्य से संबंधित दवा दुकान, जांच घर, क्लीनिक, अस्पताल, दूध की दुकान, पेट्रोल पंप, सीएनजी, एलपीजी, आउटलेट पूर्व की तरह खुले रहेंगे। शनिवार की रात्रि 08:00 बजे से सोमवार की सुबह 06:00 बजे तक सम्पूर्ण लाॅकडाउन की अवधि सहित अन्य दिनों में सुबह 06:00 बजे से रात्रि 08:00 बजे तक के अवधि में कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने, कोविड समुचित व्यवहार का पालन कर स्वयं एवं परिवार की स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से कोविड दिशा-निर्देश के आलोक में आम नागरिकों से कोविड समुचित व्यवहार का पालन कर निर्धारित नियमों एवं दिशा-निर्देर्शों का अनुपालन सुनिश्चित करने की अपील की गई।
जिले में संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान रविवार को क्या-क्या खुले रहेंगे और क्या-क्या बंद रहेंगे
रविवार को सभी दुकानें (सब्जी-फल- किराना, मिठाई, खाद्य पदार्थ की दुकान सहित) बंद रहेंगी। स्वास्थ्य सेवा से संबंधित प्रतिष्ठान जैसे दवा दुकान, डायग्नोस्टिक सेंटर, क्लिनिक, अस्पताल, पेट्रोल पंप, सीएनजी-एलपीजी ऑउटलेट पूर्व की तरह खुले रहेंगे। रेस्तरां से होम डिलिवरी और टेक होम की सुविधा उपलब्ध रहेगी। राष्ट्रीय और स्टेट हाइवे वाले ढाबे, कोल्ड स्टोरेज, वेयर हाउस भी खुले रहेंगे। दूध विक्रय केंद्र को बंद से मुक्त रखा गया है।
उपायुक्त भोर सिंह यादव ने जिले वासियों से उक्त जारी दिशा-निर्देशों का पूर्णतया अनुपालन करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उक्त दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों/प्रतिष्ठानों/संस्थानों के विरूद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51-60 के अंतर्गत तथा भारतीय दंड संहिता 1860 के सेक्शन 188 के तहत सख्त एवं कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।