रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर :राष्ट्रीय भ्रष्टाचार नियंत्रण एवं जन कल्याण संगठन के झारखंड स्टेट जनरल सेक्रेट्री बसंत महतो ने कहा कि अधिकतर निजी लैब के एक्स-रे कक्ष की मशीनें एटॉमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड (एईआरबी) से रजिस्ट्रर्ड नहीं है। इसकी जांच होनी चाहिए। पश्चिमी सिंहभूम जिले के निजी जांच लैबों में एक्स-रे कराने वाले मरीज रेडिएशन की चपेट में आ सकते हैं। यहां बने एक्स-रे कक्ष नियमानुसार और मानकों पर खरे नहीं उतर रहे हैं। अधिकतर एक्स-रे मशीनें एटॉमिक एनर्जी रेग्युलेटरी बोर्ड (एईआरबी) से रजिस्ट्रर्ड नहीं है। ऐसे में मरीजों के साथ यहां कार्यरत स्टाफ के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है।रेडिएशन से कैंसर और नपुंसकता जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। लगातार रेडिएशन के चपेट में आने से थायराइड, मोतियाबिंद और त्वचा संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। गर्भवती महिला अगर रेडिएशन के चपेट में आती है तो नवजात के शरीर में विकृति की संभावना बढ़ जाती है। बसंत महतो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों से इसकी जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अनुमंडल अस्पताल,चक्रधरपुर में एक्स-रे, ब्लड टेस्ट जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहना एक चिंता का विषय है।शहर के निजी जांच लैबों में एक्स-रे और ब्लड टेस्ट कराने वाले मरीजों को एक बड़ी रकम चुकाना पड़ता है।बिजली बैकअप के बावजूद,अनुमंडल अस्पताल चक्रधरपुर में बिजली व्यवस्था बाधित रहने तथा करंट नहीं रहने की स्थिति में सिर्फ स्वास्थ्य कर्मियों के कक्ष में सप्लाई देने मरीजों के वार्ड में विद्युत आपूर्ति पर रोक की सूचना प्राप्त हुई है। ऐसी घटनाएं पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को मामले को संज्ञान में लेकर त्वरित इस समस्या के समाधान के संबंध में विचार करना चाहिए।