लातेहार: राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर आज जिला मुख्यालय के सभी विद्यालयों, निजी विद्यालयों व आंगनवाड़ी केन्द्रों में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के आयु के बच्चों और छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल (कृमिनाशक) दवा खिलाई गई। दवा लेने से छूटे बच्चों को मॉपअप के तहत 26 अप्रैल को दवा दी जाएगी।
इस अवसर पर डीआरसीएचओ डॉक्टर अनिल कुमार ने कहा कि एल्बेंडाजोल दवा एक सुरक्षित दवा है। इस दवा का कोई भी साइड-इफेक्ट नहीं है। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। एल्बेंडाजोल दवा पेट में कीड़ों को खत्म करने के लिए दी जाती है। चिकित्सकों को बताया कि पेट में अधिक कीड़े होने की स्थिति में यह दवा देने पर बच्चे को हल्के से चक्कर जैसा लग सकते हैं या उल्टी हो सकती है। ऐसी स्थिति से बच्चों को घबराने की आवश्यकता नहीं है।
ऐसी स्थिति में बच्चे को थोड़े समय के लिए खुली हवा में लिटा दें व पानी का सेवन कराएं। इसके बाद 5-7 मिनट में ही बच्चा अपने सामान्य अवस्था में आ जाता है।
डॉ0 सुनील भगत ने इस दौरान कहा कि एल्बेंडाजोल दवा अनिवार्य रूप से बच्चों को दी जानी है। पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से बच्चे के शरीर में खुराक नहीं लगती और बच्चों का शारीरिक व मानसिक रूप से विकास सही से नहीं हो पाता और वह कमजोर होने लगता है। बच्चे के शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने लगती है। डॉक्टरों का कहना है कि एल्बेंडाजोल दवा का अभी तक कोई भी साइड-इफेक्ट जानकारी में नहीं आया है।
स्कूली छात्रों को जानकारी देते हुए डीपीएम गौरव कुमार ने कहा की एल्बेंडाजोल दवा देते समय यह ध्यान रखें की बच्चा खाली पेट न हो अथवा बच्चे ने दवा लेने से पूर्व कुछ न कुछ भोजन अवश्य किया हो। छोटे बच्चे होने के दृष्टिगत आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सावधानी अवश्य बरतें कि एल्बेंडाजोल दवा देने से पूर्व बच्चे खाली पेट न हो यह ध्यान दें।
एक से 19 वर्ष के बच्चों को दवा के सेवन कराने के दौरान एएनएम, सहिया मुख्य रूप से उपस्थित रहीं।