सरायकेला से भाग्य सागर सिंह की रिपोर्ट
सरायकेला: उत्कल गौरव मधुसूदन दास के पवित्र जन्म जयंती के शुभ अवसर पर उत्कलमणि आदर्श पाठागार ,सरायकेला में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।
उक्त अवसर पर संस्था के महासचिव जलेश कबी ने कहा कि मधुबाबू एक महान आत्मा थे, उन्होंने अकेले ही संयुक्त ओडिशा के सपने की कल्पना की थी,महान अशोक की कलिंग और उसके विखंडन पर विजय के बाद वह उत्कल जननी की एकता में विश्वास करते थे, मधुबाबु ओडिशा के पहले ग्रेजुएट और वकील के साथ-साथ एक प्रखर पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता भी थे। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं।
उत्कल गौरव ओडिशा का पहला नाम है इसलिए सम्मान से उन्हें उत्कल गौरव कहा जाता है।उपस्थित सभी ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डाला और उनके मार्ग दर्शन पर चलने का संकल्प लिया।
इस अवसर पर खेल सचिव भोला महांती, चिरंजीवी महापात्र, काशीनाथ कर, दुखनू कर, राजू कबी, चक्रधर महांती सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।