रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर:सेक्रेट हार्ट स्कूल चक्रधरपुर में फादर विजय भट्ट की जयंती मनाई गई. इसके साथ ही फादर स्टेन स्वामी की श्रद्धांजलि एवं टेरेसा मेरी फ्रांसिस की पुण्य तिथि मनाई गई. इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया जिसमें छोटानागरा के फादर कामिल हेंब्रम, परसुडीह जमशेदपुर से फादर बेनेडिक्ट मिंज, चक्रधरपुर के पल्ली पुरोहित फादर चोनहास खलखो एवं संत अंजला हॉस्पिटल तथा कार्मेल स्कूल की सिस्टर्स ने सामूहिक प्रार्थना में शिरकत किए. फादर कामिल हेंब्रम ने अपने संबोधन में कहा कि फादर विजय भट्ट का योगदान चक्रधरपुर, गोमो, धनबाद, पुरुलिया में विशेष रुप से रहा. चक्रधरपुर में कई शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना की. धनबाद में कुष्ट आश्रम स्थापित कर सेवा के क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाया. धनबाद में करीब 300 कुष्ट रोगियों के लिए इलाज, आवास, भोजन एवं उनके बच्चों का शिक्षा की व्यवस्था किए. यह आश्रम आज भी धनबाद में काफी बेहतर तरीके से संचालित हो रहा है. झारखंड में इससे बेहतर कुष्ट आश्रम और कहीं नहीं है. चक्रधरपुर में कमला नेहरु कुष्ट आश्रम स्थापित किए. जहां आज कुष्ट रोगी सुख चैन का जीवन व्यतीत कर रहे हैं. फादर विजय भट्ट का देहांत हो जाने से सबसे अधिक नुकसान कुष्ट रोगियों को ही हुआ है.
फादर बेनेडिक्ट मिंज एवं फादर चोनहास खलखो ने फादर स्टेन स्वामी के कार्यों की सराहना करते हुए संयुक्त रुप से कहा कि 80 साल की उम्र में भी उन्होंने मानव सेवा नहीं छोड़ा. गरीब, आदिवासियों और दलितों का उत्थान के लिए सदा प्रयासरत रहे. उनके कार्य कभी फरामोश नहीं किए जा सकते. लेकिन उनके साथ अंतिम समय में जिस तरह का बर्ताव किया गया वह निंदनीय है. उन्होंने अपने जीवन के 30 सालों तक आदिवासियों की सेवा की. उन्हें सम्मान मिलने के स्थान पर अंतिम समय में देश द्रोही जैसे आरोप लगाकर अपमानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ सेलीन सोसन, जेम्स बोदरा, पैट्रिक माइकल, सिस्टर माइकल, डॉ जेस्सी, डॉ उर्सुला मेरी, डुरंड डोसन,प्रिंस फर्नान्डो, सेलीन एंथोनी, नीलम पूर्ती, बेरना लोमगा, सुषमा बारला,कल्पना माईकल, गुलाब भुइयां, मोनिका पावेल, राजेश श्रीवास्तव, बेनिडिक्ट धरवा, सीमा फ्रांसिस, एंथोनी फर्नांडो एवं एंजिलिना फर्नांडो आदि उपस्थित थे।