गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
प्रधान जिला जज राजेश शरण सिंह की अदालत ने बहुचर्चित गोपाल प्रसाद चौरसिया की गला काटकर नृशंस हत्या करने के मामले में नौ दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई।
साथ ही प्रत्येक को 20 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया। सजा सुनाए गए दोषियों में सभी रमकंडा थाना क्षेत्र के हैं। उधर हत्याकांड में दोषियों को सजा सुनाए जाने की सूचना आग की तरह फैली। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। हत्याकांड में जिन दोषियों को सजा सुनाई गई है उनमें जिलांतर्गत रमकंडा थाना के रामकंडा बाजारी टोला निवासी चंद्रभूषण कुमार उर्फ टुनु, देवेंद्र प्रसाद, महेंद्र प्रसाद, प्रदीप प्रसाद, सत्येंद्र प्रसाद, संदीप प्रसाद, लाल दीप प्रसाद, नन्हकु उर्फ बसंत प्रसाद और चंद्रशेखर कुमार का नाम शामिल है। सजा के बाद सभी अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है।
घटना 24 दिसंबर 2019 की है। मामले में प्राथमिकी दर्ज कराते मृतक गोपाल प्रसाद चौरसिया की पुत्री दीपा ने आरोप लगाया था कि 23 अव 2019 को शाम 5.15 बजे उसी के गांव के च कुमार उर्फ टुनु, देवेंद्र प्रसाद, महेंद्र प्रसाद, प्रदीप प्रसाद, सत्येंद्र प्रसाद, संदीप प्रसाद, लाल दीप प्रसाद, बसंत प्रसाद और नन्हकू प्रसाद सभी ने मिलकर लाठी, टांगी, गंड़ासा, भाला से लैस उसके घर आए। सभी गुस्से में थे। सभी उसके पिता गोपाल प्रसाद चौरसिया को खोज रहे थे।
घर का मुख्य दरवाजा बंद था। तभी टांगी से दरवाजे को तोड़कर अंदर प्रवेश किए। उससे चंद्रभूषण ने उसके पिताजी के बारे में पूछा। जब उसने नहीं बताया तो देवेंद्र ने कहा कि इसी का हाथ काट दो। घर पर उसके पिता के नहीं होने पर सभी उन्हें खोजने लगे। बाद में गांव के संजय कुमार ने बताया कि चाचा गोपाल को टांगी से काटकर हत्या कर दी गई है।
हर का कारण ऑनर किलिंग बताया गया है। गवाहों ने साक्ष्य में बताया कि सभी अभियुक्त रमकंडा बाजार में झुंड बनाकर खड़े थे। उसी दौरान जैसे ही गोपाल प्रसाद मोटरसाइकिल से वहां पहुंचे सभी ने अचानक हमला कर दिया। उनकी गला काटकर हत्या कर दी गई। घटना का वजह गोपाल प्रसाद का पुत्र अनीश कुमार और अभियुक्त महेंद्र प्रसाद की लड़की के साथ प्रेम प्रसंग था। दोनों घर से भाग कर शादी कर ली थी।
उसी विवाद को लेकर अभियुक्तों ने घटना को अंजाम दिया। अदालत में नौ गवाहों के ब्यान, साक्ष्यों, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, इनक्वेस्ट रिपोर्ट, स्वीकारोक्ति बयान अन्य दस्तावेज के अवलोकन के उपरांत उन्हें दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।