गोड्डा: फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है। इसकी वजह से प्रभावित अंगों जैसे : हाथ, पांव के फूलने की समस्याएं उत्पन्न होती है। जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम सोमवार से प्रारंभ होगा। यह जानकारी सिविल सर्जन डॉक्टर मंटू टेकरीवाल ने दी।
उन्होंने बताया कि 23 एवं 24 अगस्त 2021 को दो दिन बूथ पर (आंगनवाड़ी केंद्र/पोलियो बूथ) और 25 से 27 अगस्त तक घर-घर जाकर दवा वितरक कार्यकर्ता द्वारा डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोली सभी लक्षित व्यक्तियों को सामने में खिलाई जाएगी।
डॉक्टर टेकरीवाल के अनुसार, यह दवा खाली पेट नहीं खाना है तथा गर्भवती महिला, दो वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गम्भीर रूप से बीमार व्यक्ति को नहीं खाना है।
सिविल सर्जन ने फाइलेरिया के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि फाइलेरिया में जटिलताओं के रूप में हाथी पांव का होना एवं पुरुषों में बड़ा हाइड्रोसिल का होना, जीवन में बोझ एवं कलंक हो जाता है। फाइलेरिया के कारण शारीरिक विकलांगता की संभावनाएं बनी रहती है, जिससे कार्य प्रभावित होता है एवं व्यक्ति सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़ जाता है।
उन्होंने बताया कि फाइलेरिया मच्छर जनित रोग है। मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग आवश्यक है। अपने घर एवं आसपास की सफाई रखना, जलजमाव नहीं होने देना ,नाला – नाली साफ रखकर काफी हद तक मच्छर के प्रकोप से बचा जा सकता है।
मौके पर गोड्डा सदर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर पीएन दर्वे, बोआरीजोर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ खालिद अहमद एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य कर्मी मौजूद थे।