बसंतराय: प्रखंड कार्यालय के सभागार में शनिवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया।इसमें सभी सेविका एवं पोषण सखी को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी दी गई। मौके पर जिला मुख्यालय से आए ट्रेनर एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी मुंशी राम उपस्थित थे।
ट्रेनर के द्वारा जानकारी दी गई कि
फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है, जिसे हाथी पांव के नाम से भी जाना जाता है। यह असाध्य रोग मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है।अगर यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रसित व्यक्ति को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटता है तो फाइलेरिया के रोगाणु उस व्यक्ति के खून में प्रवेश कर जाता हैं। रोग के चकमे में लोग इसलिए पड़ जाते हैं कि खून में रोगाणु के प्रवेश करने के बाद तुरंत इसका लक्षण दिखाई नहीं पड़ता है। इसके लक्षण उभरने में पांच से पंद्रह वर्षों का समय लग जाता है।
यह बीमारी शरीर में पैर, हाथ, मुंह, हाइड्रोसील एवं स्तन पर गहरा प्रभाव डालता है। इन अंगों में अत्यधिक सूजन आ जाता है जो देखने में भद्दा लगता है। ग्रसित व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से संकुचित और परेशान रहने लगता है।
प्रशिक्षकों ने बताया कि आगामी 23 से 27 अगस्त तक सरकार के द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जानी है। बीडीओ मुंशी राम ने कहा कि सरकार के द्वारा दी जाने वाली दवा पूर्णतः सुरक्षित है, जो हमें इस लाइलाज बीमारी से बचा सकता है। किसी भी व्यक्ति को दवा खाने के प्रति कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।प्रशिक्षण में प्रखंड क्षेत्र की सभी सेविका एवं पोषण सखी उपस्थित थी।