पाकुड़ः जश्ने ईद मिलाद-उन-नबी के मौके पर शांति व सौहार्दपूर्ण माहौल में सदर प्रखंड के चेंगाडांगा में जलसे का आयोजन किया गया।जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मौलाना गुलाम रब्बानी इलाहाबादी उपस्थित हुए। मौके पर भारी बारिश के बावजूद छतरी लेकर कोविड के गाइडलाइन पालन करते हुए अकीदतमंदों ने आखरी पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लललाहो अलैहि वसल्लम की जीवनी सुना।इस दौरान मंच संचालन स्थानीय इमाम मौलाना मुफ्ती मुजीबुर रहमान ने किया।कार्यक्रम का आगाज पश्चिम बंगाल के मौलाना मोरजेम हुसैन ने तिलावत ए कलाम पाक से किया। मौके पर मुख्य वक्ता गुलाम रब्बानी इलाहाबादी ने जलसे को खिताब करते हुए कहा कि दुनिया के आखिरी पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब ने लोगों को हमेशा इंसानियत का पाठ पढ़ाया।साथ ही विश्व को शांति का पैगाम दिया है। उन्होंने बताया कि आज से 1448 वर्ष पहले 570 ई. को अरब देश के मक्का शरीफ में उनका जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर हर साल जश्न ए ईद मिलादुन नबी मनाया जाता है।उन्होंने बताया कि अल्लाह ताला कुरान में फरमाते हैं कि हजरत मोहम्मद साहब को सारे जहां के लिए रहमतुल्ला अलामिन बनाकर भेजा है। उनकी आंखों पर फिदा चांद सितारे होंगे जिनके किस्मत में मदीना के नजारे होंगे। साथ ही अन्य उलोमाओ ने अपने-अपने अंदाज में खिताब करते हुए हजरत मुहम्मद सल्लललाहो अलैहि वसल्लम के ोजिदगी के बारे में उपस्थित लोगों को महत्वपूर्ण जानकारियां दी।इस मौके पर मौलाना जफीरूद्दीन अशरफी, मौलाना सादाकास शेख,हाजी दिलरोशन,हाजी गुलू मोहम्मद,जहांगीर शेख सहित आयोजन समिति के सदस्य मौजूद रहे।