रांची: रांची संसदीय क्षेत्र के सांसद संजय सेठ को राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के महानगर अध्यक्ष राजू गोप ने जाति आधारित जनगणना कराने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। सांसद संजय सेठ ने कहा कि यह मांग वाजिब है जातीय जनगणना होनी चाहिए। इसे मैं संसद में उठाउंगा। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा देशव्यापी आंदोलन के तहत देश में जाति आधारित जनगणना करने की मांग किया है। जातीय जनगणना नहीं होने से बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय का आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। जिससे इन्हें प्राप्त होने वाले सरकारी सुविधाओं व अधिकारों से वंचित होना पड़ता है। सरकार के द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला-पुरुष अल्पसंख्यक, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे आदि की गणना की जाती है और उनके आंकड़े के अनुसार विकास की रूपरेखा खींची जाती है। आजादी के बाद से ओबीसी समुदाय की गिनती आज तक नहीं की गई है। 1980 में मंडल कमीशन ने भी जातीय जनगणना कराने की अनुशंसा सरकार से की थी। देश में ओबीसी समुदाय का सही आंकड़ा नहीं है तो नीति आयोग ओबीसी समुदाय के लिए विकास का खाका कैसे खींचेगी? जनगणना नहीं होने से ओबीसी समुदाय की स्थिति दोयम दर्जे की हो गई है और यह समाज विकास से कोसों दूर होते जा रही है।
2011में ओबीसी समुदाय की सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना हुई थी। जिसका रिपोर्ट 3 जुलाई 2015में तत्कालीन मंत्री अरुण जेटली ने उजागर किया और कहा कि इसमें करोड़ों त्रुटियां है। और इसका रिपोर्ट प्रकाशित नहीं किया गया। बाद में केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री मा. राजनाथ सिंह ने घोषणा की थी कि अगली जनगणना जाति आधारित कराई जाएगी। परंतु अभी तक जाति आधारित जनगणना करने की कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है।
देश में 2021 की जनगणना को जाति आधारित करने हेतु सांसद संजय सेठ को महानगर अध्यक्ष राजू गोप के नेतृत्व में अजय चौधरी संजीव जयसवाल सुधीर राय मिथिलेश प्रसाद आदि ने मांग पत्र सौंपा।