छोटू कुमार की रिपोर्ट
पलामू: जिले की लेस्लीगंज तहसील में रविवार 28 अप्रैल 2024 को ग्राम धनगांव में एक दिवसीय सत्संग का आयोजन हुआ ।
सत्संग का मुख्य उद्देश्य समाज में व्याप्त कुरुतीयों को दूर करके एक स्वच्छ समाज तैयार करना तथा अध्यात्म में फैले पाखंड को शास्त्रों के प्रमाणों के साथ खंडन करके समाज को सतभक्ति प्रदान करना था। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। हरियाणा के विश्व विख्यात संत रामपाल जी महाराज जी के सत्संग प्रवचनों को प्रोजेक्टर के माध्यम से श्रद्धालुओं को सुनाया गया। सत्संग में संत रामपाल जी महाराज ने बताया कि वर्तमान में इंसान पढ़ा लिखा और बुद्धिमान होते हुए भी धर्म के नाम पर केवल पाखंड कर रहा है।
उसे अपने धर्म के शास्त्रों का ही ज्ञान नहीं है। जैसे हिंदू धर्मावलंबी अपने आप को सनातनी कहते हैं लेकिन साधना शास्त्रों के विरुद्ध करते हैं। संत रामपाल जी महाराज ने सत्संग के माध्यम से बताया कि गीता जी अध्याय 6 श्लोक16 में भक्ति मार्ग में व्रत रखना व्यर्थ है और गीता जी अध्याय 16 श्लोक 23 और 24 में शास्त्र अनुकूल साधना करना सही और मनमानी साधना को व्यर्थ बताया है।
इसलिए एक सच्चे सनातनी के लिए जरूरी है कि वह अपने सदग्रंथों की सच्चाई को जाने और फिर उसके अनुसार साधना करें। शास्त्र अनुकूल साधना केवल तत्वदर्शी संत ही बताते हैं जिसका प्रमाण गीता जी अध्याय 4 श्लोक 34 में दिया गया है तथा तत्वदर्शी संत की पहचान गीता जी के अध्याय 15 श्लोक 1 से 4 तक में बताया गया है।
इस प्रकार संत जी ने गीता जी ,वेद और पुराणों को खोल खोल कर श्रद्धालुओं को सच्चाई से अवगत करवाया जिसे देख और सुनकर सभी आश्चर्य चकित रह गए। सत्संग से प्रभावित होकर कई लोगों ने संत जी से निशुल्क नाम दीक्षा ग्रहण की और आजीवन बुराइयों से दूर रहने और शास्त्र अनुकूल सत भक्ति करने का संकल्प लिया।
सत्संग में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ठंडे पानी और चाय बिस्कुट की व्यवस्था की गई। सेवादार मनीष दास, अविनाश दास, अनंत दास, अशोक दास, धर्मेंद्र दास, संजय दास आदी उपस्थित थे।