गुमला सहित राज्य के 07 जिलों मंे होगा परियोजना का क्रियान्वयन
गुमला : नगर भवन गुमला में ग्रामीण विकास विभाग एवं बी.आर.एल.एफ. के संयुक्त तत्वावधान मंे जिला ग्रामीण विकास के जलछाजन प्रकोष्ठ के सौजन्य से ’’जीवी द हासा’’ परियोजना पर एक दिवसीय कार्यशाला आज सम्पन्न हुई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा ने कहा कि झारखण्ड राज्य में मनरेगा योजनांतर्गत राज्य के गुमला, पाकुड़, साहेबगंज, गोड्डा, दुमका, गिरिडीह एवं पश्चिमी सिंहभूम जिले में हाई इम्पैक्ट मेगा वाटर शेड प्रोजेक्ट का क्रियान्वयन किया जाना है। इस परियोजना के तहत् गुमला जिले के घाघरा, गुमला, पालकोट, बसिया, कामडारा, रायडीह एवं भरनो प्रखण्ड में जलछाजन योजनाओं को संचालित किया जाएगा। परियोजना का मुख्य उद्देश्य ग्राम पंचायतों को मजबूत करने के साथ ही योजनाओं के नियोजन, निगरानी एवं कार्यान्वयन में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करना है। यह परियोजना 04 वर्षाें के लिए क्रियान्वित की जाएगी। इसके लिए जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। साथ ही प्रखण्ड विकास पदाधिकारी की अध्यक्षता में प्रखण्ड स्तरीय समन्वय समिति का गठन किया जाना है। ’’जीवी द हासा’’ परियोजना में सिविल सोसायटी के प्रतिनिधि सहित मनरेगा कर्मी पंचायत प्रतिनिधियों के समन्वय से प्रखण्डों में जलछाजन के क्षेत्र मंे कार्य किया जाना है। परियोजना की सफलता के लिए प्रशासनिक नेतृत्व के साथ ही संबंधित विभागों के बीच परस्पर समन्वय एवं अभिसरण की आवश्यकता है। इसके माध्यम से किसानों की आय वृद्धि के साथ ही कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जाएगा।
कार्यशाला में परियोजना के पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अम्बष्ठ ने कहा कि राज्य स्तरीय इस परियोजना में गुमला जिला को शामिल किया जाना गुमला के लिए एक उपलब्धि है। प्रारंभिक चरण में परियोजना के अंतर्गत चयनित 07 जिलों के 24 प्रखण्डों में कुल 696 वाटर शेड का विकास करना है। गुमला जिले में योजना के क्रियान्वयन के लिए सिविल सोसायटी एवं गैर सरकारी संगठन के रूप में विकास भारती, प्रदान एवं डब्ल्यू.ओ.टी.आर. को चयनित किया गया है। विकास भारती के द्वारा बिशुनपुर एवं डुमरी प्रखण्ड, प्रदान संस्था के द्वारा कामडारा एवं भरनो प्रखण्ड, डब्ल्यू.ओ.टी.आर. द्वारा अलबर्ट एक्का जारी एवं चैनपुर प्रखण्ड तथा मनरेगा जलछाजन इकाई द्वारा घाघरा, गुमला, पालकोट एवं रायडीह प्रखण्ड में योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा। मनरेगा जलछाजन इकाई के तकनीकि कोषांग द्वारा मनरेगा की राशि से उपयोगी संरचना का निर्माण किया जाएगा। जिले में 1.5 लाख हेक्टेयर भूमि में जलछाजन के द्वारा उत्तम कृषि के लिए योजना संचालित की जाएगी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए अपर समाहत्र्ता सुधीर कुमार गुप्ता ने कहा कि इस परियोजना के द्वारा कृषि, पशुपालन, सहकारिता, जलछाजन मिशन, एनआरएलएम एवं अन्य तकनीकि संस्थानों के सहयोग से जिला स्तरीय समन्वय समिति के माध्यम से अभिसरण के क्षेत्र मंे कार्य किया जाना है। वर्षा के जल को संचित करने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग संसाधनों को विकसित किया जाएगा। मृदा एवं जल प्रबंधन द्वारा भूमि की नमी में बढ़ोत्तरी करना तथा प्राकृतिक वर्षा पर निर्भरता को कम करना है। योजना के द्वारा टांड़ भूमि पर भी जल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। जिससे जिले में बहु फसलीय कृषि को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने कहा कि गुमला जिले मंे मुख्य रूप से धान की खेती की जाती है। सिंचाई साधनों के विकास तथा जलछाजन की व्यवस्था हो जाने पर धान के साथ ही सब्जी, फल, फूल की खेती में भी किसान सक्रिय होंगे जिससे उनके आय में वृद्धि होगी।
कार्यशाला में जलछाजन मिशन के तकनीकि विशेषज्ञ द्वारा आॅडियांे/वीडियों प्रजेंटेशन के माध्यम से परियोजना के संदर्भ मंे विस्तृत जानकारी साझा की गई। प्रदान के अंकित कुमार, डब्ल्यू.ओ.टी.आर. के प्रतिनिधि सुज्या दंगवार ने संस्था को आवंटित क्रमशः कामडारा, भरनो एवं जारी तथा चैनपुर प्रखण्ड क्षेत्र में संस्थान द्वारा जलछाजन के क्षेत्र में संचालित किए जाने वाले योजनाओं के संबंध मंे विस्तार से बताया। कार्यशाला में महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए चयनित गुमला जिले मंे अबतक जलछाजन के लिए डब्ल्यू.एच.टी., डोभा, कुँआ, तालाब आदि के द्वारा जलछाजन के प्रयासों की जानकारी दी गई।
कार्यशाला मंे जिला स्तरीय समन्वय समिति अध्यक्ष सह उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा, उप विकास आयुक्त संजय बिहारी अम्बष्ठ, अपर समाहत्र्ता सुधीर कुमार गुप्ता, अनुमण्डल पदाधिकारी सदर रवि आनन्द, अनुमण्डल पदाधिकारी बसिया संजय पीएम कुजूर, अनुमण्डल पदाधिकारी चैनपुर प्रितिलता किस्कू, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी देवेन्द्रनाथ भादुड़ी, जिला कृषि पदाधिकारी सत्यनारायण महतो, जिला पशुपालन सह जिला गव्य विकास पदाधिकारी डाॅ0 मीनू शरण, जिला मत्स्य पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी बिशुनपुर, डुमरी, कामडारा, भरनो, जारी एवं चैनपुर, डीपीएम पंचायती राज शशि किरण, प्रदान के अंकित कुमार, डब्ल्यू.ओ.टी.आर. के प्रतिनिधि सुज्या दंगवार, तकनीकि पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार महतो, हर्शिता कुमारी, सोनू गोप, दिलीप उराँव, सुजीत कुमार व अन्य उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन परियोजना पदाधिकारी जलछाजन प्रकोष्ठ के द्वारा किया गया।