लातेहार : जिला मुख्यालय के अमवाटीकर स्थित श्री हनुमान मंदिर परिसर में शुक्रवार को ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में परशुराम जयंती मनायी गयी।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष प्रेमचंद पांडेय ने की। मौके पर उपस्थित समाज के लोगों ने परशुराम के चित्र पर माल्यापर्ण किया। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। इस अवसर पर श्री ब्रजांग देव संस्थान के संस्थापक त्रिभुवन पांडेय ने कहा कि भगवान परशुराम भार्गव वंश में जन्मे भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं।
उनका जन्म त्रेता युग में हुआ था। पौराणिक मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था, इसलिए उनकी शक्तियां अक्षत मानी जाती है। जन्म के समय इनका नाम राम रखा गया था। कुछ समय बाद जब राम को महादेव ने परशु नामक शस्त्र दिया ,तो उन्हें को परशुराम कहा जाने लगा।
इसलिए परशुराम जी के जन्म पर परशुराम जयंती मनाई जाती है। आगे कहा कि परशुराम उस युग के सबसे क्रोधी ब्राह्मण या साधु माने जाते थे। मौके पर मंदिर के पुजारी संजय तिवारी , नरेश पाठक, ललित पाठक, कमलेश तिवारी, राजन तिवारी, पंकज तिवारी, अंकित पांडेय, नरेंद्र पांडेय, सुकन्या देवी, यशोदा देवी समेंत कई लोग मौजूद रहे।