मांडू : मंगलवार को एसएस प्लस टू हाई स्कूल मांडू, कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय मांडू में खुशी क्लास और मांडू चट्टी में खुशी चौपाल का आयोजन किया गया।
लाइफ केयर हॉस्पिटल, रांची और खुशी क्लास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित खुशी क्लास को सम्बोधित करते हुए खुशी क्लास के संस्थापक सह संचालक मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि तनाव, डिप्रेशन को अपने जिंदगी में आस-पास भी फटकने नहीं देना है। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। सकारात्मकता से खुशी जगती है और यही खुशी मंजिल तक ले जाती है।
यूं कहें सकारात्मकता ही आपको सफलता दिलाएगी। चौहान ने सकारात्मकता के ताकत से सम्बंधित कहानी भी सुनाई। कहा कि एक गांव में दो मित्र थे। गांव के 5 किमी की परिधि में तकरीबन 30 गांव थे। पढ़ाई के लिए एकमात्र प्राथमिक विद्यालय थी। एक मित्र सोचता, यहां शिक्षा के लिए कुछ होना चाहिए।
दूसरा मित्र सोचा, मुझे अपने गांव के लिए कुछ करना है। वह अपने खेतिहर जमीन का एक टुकड़ा बेच कर गांव में स्कूल बनाने लगा। उसका हौंसला देख ग्रामीणों ने भी मदद शुरु कर दी। 3 – 4 साल के अंदर उसका स्कूल पूरे एरिया में प्रसिद्ध हो गया। वहां 2 हजार छात्र हो गए। उसकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत हो गई।
पहला मित्र सोचता रहा, दूसरा मित्र बाजी मार ले गया। आप देखें, एक दोस्त सिर्फ सोचता रहा। दूसरों पर दोष मढ़ता रहा। यह असफलता, निराशा और नकारात्मकता का प्रतीक है। जबकि दूसरे दोस्त ने अपने बूते परिवर्तन की लहर बहा दी। यही विजेता की पहचान है। शिव खेरा की सुनें ” विजेता बोलते हैं कि मुझे कुछ करना चाहिए, जबकि हारने वाले बोलते हैं कि कुछ होना चाहिए। साथ ही धीरूभाई अंबानी की भी सुन लें ” बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, आगे की सोचो क्योंकि विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं है।
अंत में चौहान ने छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों से आग्रह किया कि अगर उन्हें कहीं लगता है कि कोई तनाव में है। खुशी क्लास से संपर्क कर सकते हैं। निःशुल्क उन्हें हर संभव मदद पहुंचाई जाएगी। कार्यक्रम के दौरान हाई स्कूल में मुखिया अनिता देवी, मुखिया बैजनाथ राम, समाजसेवी छोटेलाल भुइंया के अलावा शिक्षक सुनील कुमार ने भी बच्चों को तनावमुक्त रहने के लिए अपने विचारों से लोगों को अवगत कराया। कस्तूरबा स्कूल में वार्डन प्रकाशवती और रेणु जायसवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
इधर मांडू चट्टी के चौपाल में अमरेंद्र कुमार गुप्ता, दीपक कुमार, नेहरू लाल, रविंद्र कुमार के अलावा काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।