रामगढ़ : सीसीएल के द्वारा गोपीनाथ पांडा के मौजा पुंडी खाता नंबर 92 की जमीन को सीसीएल के द्वारा 1964 मैं अधिग्रहण कर लिया गया ।
इसके बावजूद गोपीनाथ पांडा को ना आज तक सीसीएल के द्वारा मुआवजे का भुगतान किया गया और ना ही सीसीएल के द्वारा जमीन के बदले नौकरी रैयत गोपीनाथ पांडा को दी गई। यह खबर आप झारखंड लेटेस्ट न्यूज पर पढ़ रहे हैं। इस संबंध में गोपीनाथ पांडा पिता स्वर्गीय सुधीर चंद पांडा ग्राम पोस्ट दीगवार थाना मांडू जिला रामगढ़ निवासी ने रामगढ़ के उपायुक्त को आवेदन देकर न्याय कि गुहार लगाई है।
आवेदन में उन्होंने खाता नंबर 92 में वर्णित भूमि का दोहरा जमाबंदी अनाधिकृत रूप से खोलकर गलत स्टेटमेंट सिक्स बनाए जाने एवं भू माफिया किस्म के व्यक्तियों को नाजायज लाभ पहुंचाने के संबंध में भी जानकारी दी। इसकी जानकारी देते हुए गोपीनाथ पांडा ने कहा 1964 में सीसीएल के द्वारा 3352 एकड़ 16 डिसमिल जमीन को अधिग्रहण कर लिया गया है। जमीन का जमींदारी रिटर्न हमारे पूर्वजों के द्वारा भरा गया है। मेरे पास जमींदारी बंद भी मौजूद है।
गोपीनाथ पांडा ने कहा कि जमीन मेरे पूर्वज के दखल स्वामित्व वाली भूमि है। उन्होंने अनाधिकृत व्यक्तियों को लाभ व नौकरी पर रोक लगाने की मांग की है। गोपीनाथ पांडा ने कहा कि इस खाता की जमीन का मैंने प्रवर्तन निदेशालय को भी देकर न्याय कि गुहार लगाया हूं।गोपीनाथ पांडा ने कहा कि 1954- 55 में दखल दिहानी कोर्ट के द्वारा नापी करा कर जमीन को चिन्हित किया गया है ।
कहां की मेरे पूर्वज स्वर्गीय उपेंद्र चंद्र पंडा पुडी के जमींदार थे। पूर्वजों को वर्ष 1756 में दान में यह जमीन प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि 1904 1915 1922 का केवल धन पत्र भी है। सभी जमीन का जमाबंदी वर्ष 1956 से स्थापित होकर रसीद व उसके बाद राज्य सरकार के रसीद द्वारा मालगुजारी का भुगतान लगातार होता रहा है।
यह जमीन सीसीएल के कब्जे में है। उसके बाद जिला प्रशासन के द्वारा जमीन को दिखाने की बात कही जा रही है मेरी सारी जमीन तो सीसीएल के द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया।